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Muhammad Yunus: (X)
Bangladesh Jizya Tax: बांग्लादेश अब इस्लामिक राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है और वह भी नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में. बांग्लादेश का सबसे बड़ा धार्मिक संगठन जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश में शरिया कानून लागू करने की कोशिश में जुटी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जमात हिंदुओं सहित अन्य गैर मुस्लिमों पर जजिया टैक्स लगाना शुरू कर चुका है. खास बात है कि नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस मामले में चुप हैं.
Bangladesh Jizya Tax: एक अगस्त से बांग्लादेश में शुरू हुआ जजिया टैक्स सिस्टम
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक अगस्त 2025 से जमात-ए-इस्लामी ने हिंदुओं और अन्य गैर मुस्लिमों से जजिया टैक्स की वसूली शुरू कर दी है. 25 जुलाई को जमात प्रमुख डॉ. शफीकुर रहमान ने सार्वजनिक रूप से ऐलान किया था कि गैर मुस्लिमों को जजिया टैक्स देना होगा.
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Bangladesh Jizya Tax: रहमान ने आखिर क्या कहा था
एक सभा में रहमान ने कहा था कि अगर बांग्लादेश में सभी समुदायों को समान अधिकार चाहिए तो हिंदुओं और गैर मुस्लिमों को जजिया कर देना होगा. उन्होंने कहा कि शरिया कानून के अनुसार यही सही है. रहमान ने कहा कि जैसे मुस्लिम जकात देते हैं, वैसे ही हिंदुओं को भी जकात देना होगा.
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Bangladesh Jizya Tax: आखिर क्या होता है जजिया टैक्स
बता दें, जजिया एक इस्लामिक टैक्स सिस्टम है, जिसे सिर्फ गैर मुस्लिमों पर लगाया जाता है. जजिया को शुरू से गैर मुस्लिमों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने की नीति माना जाता रहा है.
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Bangladesh Jizya Tax: जमात-ए-इस्लामी का इतिहास ही रहा है विवादित
जमात-ए-इस्लामी का इतिहास बांग्लादेश में शुरू से विवादों और क्रूरता से ही जुड़ा रहा है. 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान संगठन ने पाकिस्तान की आईएसआई का साथ दिया और पाकिस्तानी सेना के साथ मिलकर बंगाली लोगों का नरसंहार किया था. जमात-ए-इस्लामी को आज भी पाकिस्तान और आईएसआई का समर्थन है.
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