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भारतीय सैनिकों से संघर्ष में मारे गए पीएलए सैनिक की कब्र.( Photo Credit : ट्विटर से.)
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भारतीय सैनिकों से संघर्ष में मारे गए पीएलए सैनिक की कब्र.( Photo Credit : ट्विटर से.)
जुलाई में भारत-चीन सैनिकों की पूर्वी लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी (Galwan Valley) में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. उनकी शहादत को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) समेत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने सार्वजनिक तौर पर नमन किया था. यह अलग बात है कि चीन ने अपने मृत सैनिकों की संख्या तो दूर की बात है, पहचान तक छिपा ली थी. इस पर घरेलू मोर्चे पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) की भद्द भी पिटी थी. हालांकि अब एक वायरल फोटो से चीन (China) की पोल खुलती नजर आ रही है. चीन के सोशल मीडिया पर गलवान में मारे गए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिकों की कब्रों की फोटो वायरल हो रही हैं.
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A picture is circulating on Weibo, showing the tombstone of a 19 year old Chinese soldier who died in the “China-India Border Defense Struggle” in June 2020. He was from Fujian Province. https://t.co/Brrw5o7h4z
— M. Taylor Fravel (@fravel) August 28, 2020
झूठ बोल छिपाता रहा मृत सैनिकों की संख्या
चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने भी कई मौकों पर लिखा कि जिनपिंग प्रशासन समय आने पर मृत चीनी सैनिकों की पहचान उजागर करेगा. फिलहाल जानकारी नहीं देने के पीछे उसका तर्क था कि इससे चीनी सेना भड़क कर भारतीय सैनिकों के खिलाफ बदले की कार्रवाई कर सकती है और ऐसा जिनपिंग प्रशासन नहीं चाहता है. हालांकि चीन की इस मामले में परदेदारी के बावजूद अमेरिकी मीडिया ने दावा किया था कि गलवान घाटी के हिंसक संघर्ष में चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं.
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सामने आते रहे फोटो
हालांकि चीन के लगातार इस बात को दबाने के बावजूद ऐसे कई सबूत लगातार सामने आते रहे जिनमें मारे गए और घायल सैनिकों को गलवान से एयरलिफ्ट करते हैलीकॉप्टर की तस्वीरें भी शामिल हैं. इस बात को छुपाने के लिए चीन ने अपने मारे गए सैनिकों का सम्मान के साथ विधिवत अंतिम संस्कार भी नहीं किया, जिसे लेकर उन सैनिकों के परिजनों में नाराजगी दिखी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन में सैनिकों के परिजनों को सिर्फ अस्थि कलश दिए गए थे. इसके अलावा सार्वजानिक शोक सभा न करने और न दफनाने की भी हिदायत दी गई थी. चीनी सेना के इस दबाव के बाद कई जगह छुटपुट प्रदर्शन की ख़बरें भी आयीं थीं.
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यह है वायरल तस्वीर
अब ट्विटर पर मौजूद चीनी मामलों के एक्सपर्ट एम टेलर फ्रैवल ने दावा किया है कि चीन की माइक्रोब्लॉगिंग साइट वीबो पर एक तस्वीर वायरल हो रही जो कि गलवान में शहीद हुए एक सैनिक की कब्र की बताई जा रही है. तस्वीर में मौजूद ये कब्र 19 साल के एक चीनी सैनिक की है जिसकी मौत 'चीन-भारत सीमा रक्षा संघर्ष' में जून 2020 में हो गई. उसके फुजियान प्रांत से होने का दावा किया गया है. टेलर ने यह भी बताया है कि तस्वीर में दिख रही कब्र पर सैनिक की यूनिट का नाम 69316 बताया गया है जो गलवान के उत्तर में स्थित चिप-चाप घाटी में तियानवेन्दियन की सीमा रक्षा कंपनी लग रही है.
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पीएलए सैनिक 13वीं सीमा रक्षा रेजिमेंट के
टेलर ने दावा किया है कि यह 13वीं सीमा रक्षा रेजिमेंट का हिस्सा है. उन्होंने यह भी दावा किया है कि 2015 में इस यूनिट का नाम केंद्रीय सैन्य आयोग ने 'युनाइटेड कॉम्बैट मॉडल कंपनी' रख दिया था. उन्होंने लिखा है कि इससे पता चलता है कि गलवान घाटी में चीन ने कौन सी यूनिट तैनात की थीं. बीती 15 जून को चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुस आए थे और उन्हें समझाने के लिए भारतीय सैनिक बातचीत के लिए गए थे लेकिन चीनी सैनिकों ने कांटेदार लाठियों से हमला कर दिया था.