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लोकसभा चुनाव

लोकसभा और विधान सभा सहित सभी चुनावों के लिए हो सकती है कॉमन वोटर लिस्ट

एक रिपोर्ट के मुताबिक पीएमओ लोकसभा, राज्यसभा और स्थानीय चुनावों के लिए कॉमन वोटर लिस्ट की योजना पर काम कर रहा है. सब कुछ सही रहा तो इसे जल्द ही अमल में भी लाया जा जाएगा.

Updated on: 29 Aug 2020, 12:30 PM

नई दिल्ली:

भले ही देश में एक साथ चुनाव के मुद्दे पर कोई फैसला न लिया गया हो लेकिन सरकार की ओर से कॉमन वोटर लिस्ट (Common Voter List) पर तेजी से काम हो रहा है. पीएमओ लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय चुनाव में एक ही वोटर लिस्ट के इस्तेमाल पर काम कर रहा है. इस मुद्दे पर कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में बैठक हुई थी.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पीएम के प्रधान सचिव पीके मिश्रा की अध्यक्षता में 13 अगस्त को इस मुद्दे को लेकर एक बैठक हुई थी. इस बैठक में अनुच्छेद 243K और 243ZA के लिए एक संवैधानिक संशोधन पर विचार किया गया. इस संसोधन के बाद देश में सभी चुनावों के लिए एक ही मतदाता सूची का होना अनिवार्य हो जाएगा. इसके अलावा यह भी विचार किया गया कि राज्य सरकारों को अपने संबंधित कानूनों को संशोधित करने और नगरपालिका और पंचायत चुनावों के लिए चुनाव आयोग की मतदाता सूची को अपनाने के लिए राजी करना.  

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क्या है अनुच्छेद 324 (1) ?
संविधान का अनुच्छेद 324 (1) चुनाव आयोग को संसद और राज्य विधानसभाओं के सभी चुनावों के लिए वोटर लिस्ट तैयार करने और उसके नियंत्रण का अधिकार देता है. दूसरे शब्दों में कहें तो चुनाव आयोग स्थानीय निकाय चुनावों के लिए अपने खुद के वोटर लिस्ट तैयार करने के लिए स्वतंत्र हैं.

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इन राज्यों में नहीं हो रहा इस्तेमाल
जानकारी के मुताबिक ज्यादातर राज्य अपनी नगरपालिकाओं और पंचायतों के चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग की मतदाता सूची का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा, असम, मध्य प्रदेश, केरल, ओडिशा, असम, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में स्थानीय निकाय चुनावों के लिए अपने खुद के वोटर लिस्ट हैं.