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दिसंबर से RTGS के जरिए 24 घंटे भेज सकेंगे पैसे, RBI का बड़ा ऐलान

पिछले साल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर सिस्टम (National Electronic Funds Transfer-NEFT) को 24 घंटे चालू कर कर दिया था.

Updated on: 09 Oct 2020, 12:29 PM

मुंबई:

अगर आप बड़ी रकम किसी दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करना चाहते हैं और उसके लिए बैंक के खुलने का इंतजार करते रहते हैं. तो यह खबर आपको काफी राहत दे सकती है. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank-RBI) के गवर्नर की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee-MPC) की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने बैठक के बाद ऐलान किया है कि दिसंबर से RTGS को 24 घंटे सातों दिन चालू रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि अब 24 घंटे और सातों दिन भुगतान के तत्काल ​निपटान की सुविधा यानि RTGS (Real Time Gross Settlement) के जरिए पैसे ट्रांसफर किए जा सकेंगे.

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भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि बड़ी राशि के अंतरण के लिये भारत में आरटीजीएकी सुविधा आगामी दिसंबर से चौबीसों घंटे शुरू कर दी जाएगी. इससे भारतीय वित्तीय बाजार को वैश्विक बाजारों के साथ एकीकृत करने के प्रयासों को मदद ​मिलेगी. आरबीआई की पुनर्गठित मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय पहली बैठक के बाद जारी सीमीक्षा रपट में कहा गया है, 'भारत वैश्विक स्तर पर ऐसे ​गिने चुने देशों में होगा जहां 24 घंटे, सातो दिन, बारहों महीने बड़े मूल्य के भुगतानों के तत्काल निपटान की प्रणाली होगी. यह सुविधा दिसंबर 2020 से प्रभावी हो जाएगी.

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पिछले साल NEFT को रोजाना 24 घंटे के लिए किया गया था शुरू
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इससे पहले दिसंबर 2019 में एनईएफटी प्रणाली (National Electronic Funds Transfer-NEFT) को हर रोज चौबीसो घंटे खुला किया था. रिपोर्ट के अनुसार एनईएफटी उस समय से चौबीसो घंटे सुचारु रूप से काम कर रही है. आरटीजीएस अभी केवल बैंकों के सभी कार्यदिवसों में (दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़ कर) सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक खुला रहता है. आरबीआई ने कहा है कि आरटीजीएस के चौबीसो घंटे उपलब्ध होने से भारतीय वित्तीय बाजार को वैश्विक बाजार के साथ समन्वित करने के निरंतर जारी प्रयासों तथा भारत में अंतराष्ट्रीय वित्तीय केद्रों के विकास में की मदद होगी. इससे भारतीय कंपनियों और संस्थाओं को भुगतान में और आसानी होगी.

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रिजर्व बैंक ने जुलाई 2019 से एनईएफटी और आरटीजीएस के जरिये धन अंतरण पर शुल्क लेना बंद कर दिया था. देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिये यह कदम उठाया गया. आरटीजीएस के जरिये बड़ी राशि का त्वरित अंतरण किया जाता है जबकि एनईएफटी का इस्तेमाल दो लाख रुपये तक की राशि को भेजने के लिये किया जाता है.

क्या है RTGS
RTGS के जरिए पैसे का लेनदेन काफी तेज तरीके से किया जा सकता है. हालांकि NEFT और IMPS के जरिए भी पैसे ट्रांसफर किए जा सकते हैं लेकिन इनके जरिए पैसे ट्रांसफर पर ज्यादा चार्ज देना पड़ता है. वहीं दूसरी ओर NEFT के जरिए पैसे ट्रांसफर करने पर रियल टाइम में पैसे ट्रांसफर भी नहीं होते हैं. वहीं इसके विपरीत RTGS में पैसे रियल टाइम में ट्रांसफर होते हैं. NEFT की तुलना में RTGS प्रणाली के जरिए तुरंत पैसे भेजे या प्राप्त किए जा सकते हैं. Real Time का अर्थ है पैसे भेजते ही तुरंत इसकी प्रकिया शुरू हो जाए.

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RTGS के जरिए कितना पैसा किया जा सकता है ट्रांसफर
आरटीजीएस (RTGS) के जरिए 2 लाख रुपये या उससे अधिक की रकम को ट्रांसफर किया जा सकता है. रिजर्व बैंक (RBI) ने आरटीजीएस ट्रांसफर के लिए समय में डेढ़ घंटे तक का विस्तार किया था.