जब भी आप कोई घर या फिर प्रोपर्टी किराए पर लेते हैं तो आपको दो ऑप्शन मिलते हैं, पहला- रेंट का और दूसरा लीज का. आपको इनमें से ही कोई एक ऑप्शन सिलेक्ट करने का मौका मिलता है. लेकिन बहुत सारे लोग ऐसे हैं, जिन्हें इनके बीच का फर्क ही नहीं पता होता है.
अधिकांश लोगों को तो ये भी नहीं पता है कि उनके लिए रेंट पर घर लेना अच्छा है या फिर लीज पर. ऐसे में आपको न्यूजनेशन बताएगा कि लीज और रेंट के बीच में क्या अंतर होता है और आपके लिए क्या अच्छा होगा.
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दोनों एग्रीमेंट की इतनी होती है समय सीमा
रेंट एग्रीमेंट 11 महीनों के लिए होता है. आप 11 महीने से ज्यादा या उससे कम समय के लिए रेंट एग्रीमेंट नहीं बनवा सकते हैं. आपको 11 माह की अवधि पूरा होने के बाद फिर से इसे रिन्यू करवाना होगा. बात अगर लीज की करें तो आप इसे वर्षों के लिए बनवा सकते हैं. लीज एग्रीमेंट अधिकतम 99 साल के लिए होता है. इसके बाद आपको इसे बढ़ाना होता है. लीज खत्म होने पर मकान वापस मालिक के पास पहुंच जाता है. लीज एग्रीमेंट को 12 माह के अंदर रजिस्टर करवाना होता है नहीं तो ये वैलिड नहीं होता. लीज एग्रीमेंट के बाद मकान के मालिक आप बन जाते हैं लेकिन रेंट एग्रीमेंट के बाद भी मकान के मालिक आप नहीं होते हैं.
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लीज प्रॉपर्टी को बेचने का मौका
रेंट एग्रीमेंट भले ही रजिस्टर्ड नहीं होता, बावजूद इसके वह मान्य होता है. रेंट एग्रीमेंट की शर्तों को मालिक जब चाहे बदल सकता है. लीज पर ली गई प्रोपर्ट को बेचने का ऑप्शन भी मिलता है, ऐसी सुविधा रेंट एग्रीमेंट में नहीं होती.
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