Himachal Pradesh Budget 2025: हिमाचल प्रदेश में सोमवार 17 मार्च को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया है. वह अपनी ऑल्टो कार खुद चलाकर विधानसभा पहुंचे.उन्होंने सुबह 11 बजे विधानसभा पहुंचकर सदन के पटल पर बजट रखा. वहीं आर्थिक संकट से जूझ रही सुक्खू सरकार के पिटारे से उम्मीद लगाए बैठे हर वर्ग के लिए क्या कुछ निकला आइए विस्तार से जानते हैं.
बता दें कि सुक्खू सरकार अपने कार्यकाल का तीसरा बजट विधानसभा में पेश किया है. सीएम वित्त महकमा भी संभाल रहे हैं, इसलिए वह वित्त मंत्री के रूप में वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया. टूरिज्म, स्टार्टअप, धार्मिक पर्यटन से लेकर किसानों पर प्रदेश सरकार ने खास फोकस किया है. इसी क्रम में हम बात करेंगे किसानों की जिनको इस बार काफी राहत दी गई है.
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महंगा हुआ गाय-भैंस का दूध
हिमाचल में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट में दूध उत्पादक किसानों को बड़ी राहत दी है. सीएम ने सदन में बजट पेश करते हुए कहा कि दूध उत्पादन और वितरण को प्रोत्साहित करने के लिए 10.73 करोड़ रुपये के बजट का प्रविधान किया गया है. इसके अलावा, दूध परिवहन के लिए दो रुपये प्रति किलोमीटर अनुदान दिया जाएगा.
इतना ही नहीं दूध की न्यूनतम खरीद मूल्य में छह रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है. इससे प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों को सीधा लाभ मिलेगा और उनकी आय में इजाफा होगा. दुग्ध में इस इजाफे के बाद हिमाचल में गाय के दूध की कीमत 45 रुपये से बढ़ाकर 51 रुपये प्रति लीटर हो गई है जबकि भैंस के दूध की कीमत 55 रुपये से बढ़कर 61 रुपये प्रति लीटर हो गई है.
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किसान फोकस्ड है बजट
सीएम ने आगे कहा कि प्राकृतिक रूप से कच्ची हल्दी उगाने वाले किसानों को 90 रुपये प्रति किलोग्राम का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा. उन्होंने कहा, 'वित्त वर्ष 2026 में 1 लाख किसानों को प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाने का लक्ष्य है. अब तक करीब 1.58 लाख किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है.'
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प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए किया प्रेरित
प्रदेश सरकार ने किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करने का भी निर्णय लिया है. इस अभियान के तहत एक लाख नए किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा, जिससे जैविक उत्पादों का उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी. सीएम ने आगे कहा कि राज्य में कृषि आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए ऊना में आलू प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित होगी ताकि किसानों को आलू की उचित कीमत मिल सके और उनके उत्पादों को बेहतर बाजार भी उपलब्ध हो.
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