Cryptocurrency Fraud: ED को 4 दिन की छापेमारी में अकूत दौलत बरामद, जब्त की 1646 करोड़ कीमत की क्रिप्टोकरेंसी

Cryptocurrency Fraud: ED ने 4 दिन की छापेमारी में लगभग 1646 करोड़ रुपये कीमत की विभिन्न क्रिप्टोकरेंसी बरामद की है. आइए जानते ये क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड का पूरा मामला क्या है.

Cryptocurrency Fraud: ED ने 4 दिन की छापेमारी में लगभग 1646 करोड़ रुपये कीमत की विभिन्न क्रिप्टोकरेंसी बरामद की है. आइए जानते ये क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड का पूरा मामला क्या है.

author-image
Ajay Bhartia
New Update
Bitconnect Cryptocurrency Fraud

ED को बड़ी कार्रवाई Photograph: (X/@dir_ed)

Bitconnect Cryptocurrency Fraud: प्रवर्तन निदेशालय (ED) को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. ED को चार दिन की छापेमारी में अकूत दौलत बरामद हुई है. एजेंसी ने ये छापेमारियां अहमदाबाद में बिटकनेक्ट क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी मामले को लेकर की हैं. इसको लेकर ईडी ने शनिवार को खुलासा किया है. ED ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा कि 11 फरवरी से 15 फरवरी तक चलाए गए सर्च ऑपरेशन में लगभग 1646 करोड़ रुपये कीमत की विभिन्न क्रिप्टोकरेंसी बरामद की है.

Advertisment

जरूर पढ़ें: India's Got Latent Raw: इलाहाबादिया ने टिप्पणियों को लेकर जताया खेद, पोस्ट कर कहा- ‘डरा हुआ हूं, भाग नहीं रहा’

जरूर पढ़ें: Chhattisgarh Nikay Chunav Result 2025: BJP ने किया कांग्रेस का सूपड़ा साफ, सभी 10 नगर निगमों पर दर्ज की जीत

PMLA एक्ट के तहत कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय के पोस्ट के अनुसार, प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) एक्ट 2002 के प्रावधानों के तहत यह कार्रवाई की गई है. साथ ही ईडी ने पोस्ट में इस बात की भी जानकारी दी कि क्रिप्टोकरेंसी (ED Action in Cryptocurrency Fraud) के अलावा और क्या-क्या जब्त किया है. छापेमारी के दौरान ईडी ने कैश, डिजिटल डिवाइसें और एक लग्जरी कार को जब्त किया है. 

जरूर पढ़ें: India Qatar: भारत आएंगे कतर के अमीर अल-थानी, पीएम मोदी ने दिया है निमंत्रण, दौरे का रहेगा ये शिड्यूल

13 लाख से अधिक कैश भी जब्त

प्रवर्तन निदेशालय ने एक्स पोस्ट में बताया कि कई क्रिप्टोकरेंसियों के अलावा, 13 लाख 50 हजार 500 रुपये और लेक्सस कार और विभिन्न डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए गए हैं. बता दें कि बिटकनेक्ट एक ऑपन-सॉर्स क्रिप्टोकरेंसी है. इसे साल 2016 में रिलीज किया गया था. इसे एक प्रकार की पोंजी योजना (Ponzi Scheme) बताया जाता है. 

जरूर पढ़ें: न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व मैनेजर हितेश मेहता हिरासत में, 122 करोड़ रुपये के गबन का है आरोप

 

      
Advertisment