द‍िल्‍ली में ह‍िंदुओं का पलायन, घरों पर ल‍िखा 'यह मकान बिकाऊ है', पढ़ें स्‍पेशल र‍िपोर्ट

Demographic change in national capital delhi: राजधानी द‍िल्‍ली में पूर्वी द‍िल्‍ली में मंद‍िरों को जबरन बंद क‍िया जा रहा है. स्‍थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं क‍ि पूर्वी द‍िल्‍ली में लैंड ज‍िहाद हो रहा है.

Demographic change in national capital delhi: राजधानी द‍िल्‍ली में पूर्वी द‍िल्‍ली में मंद‍िरों को जबरन बंद क‍िया जा रहा है. स्‍थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं क‍ि पूर्वी द‍िल्‍ली में लैंड ज‍िहाद हो रहा है.

author-image
Shyam Sundar Goyal
New Update
demographic change in national capital delhi

द‍िल्‍ली में ह‍िंदुओं का पलायन, घरों पर ल‍िखा 'यह मकान बिकाऊ है', पढ़ें स्‍पेशल र‍िपोर्ट Photograph: (Social Media)

Demographic change in national capital delhi: राजधानी द‍िल्‍ली में डेमोग्राफ‍िक चेंज की बात सामने आ रही है. पूर्वी द‍िल्‍ली में मंद‍िरों को जबरन बंद क‍िया जा रहा है. स्‍थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं क‍ि पूर्वी द‍िल्‍ली में लैंड ज‍िहाद हो रहा है. लड़क‍ियों का घरों से न‍िकलना मुश्‍किल है और मह‍िलाओं में सुरक्षा का भाव नहीं है. फरवरी 2020 में द‍िल्‍ली में जहां दंगे हुए थे, वहां ह‍िंदुओं का पलायन होने के आरोप लग रहे हैं. इस बात की हकीकत जानने के ल‍िए न्‍यूज नेशन के र‍िपोर्टर इन इलाकों में गए. 

Advertisment


लैंड जिहाद का आरोप, घरों पर ल‍िखा 'यह मकान बिकाऊ है'

पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर जाफराबाद के इसी इलाके से दिल्ली दंगों की शुरुआत हुई थी. यह वही ब्रह्मपुरी है जहां दिल्ली सांप्रदायिक दंगों में तीन हिंदू युवकों को गोली मारी गई थी. अब यहां पलायन का माहौल है. हिंदुओं ने अपने घरों के बाहर पोस्टर चिपका दिए हैं कि यह घर बिकाऊ है. महिलाओं का कहना है कि मकान से निकलना मुश्किल है, जहां 10 साल पहले 70 फीसद हिंदू आबादी थी वहां अब 30 फीसदी हिंदू आबादी ही बची है. यही वजह है कि बचे हुए हिंदुओं ने भी पलायन का मन बना लिया है.

लव जिहाद का आरोप, महिलाओं में असुरक्षा

ब्रह्मपुरी की अब कुछ गलियों में अभी भी समुदाय रहता है. यहां गुप्ता से लेकर सैनी‌ तक गहलोत से लेकर शर्मा तक, सभी जातियों के मकान हैं. यहां जातियां खत्म हो जाती है और हिंदू महिलाएं खुद को केवल हिंदू मानती है. महिलाओं का कहना है क‍ि असुरक्षा का भाव इतना ज्यादा है कि बाहर जेवर और मोबाइल फोन सुरक्षित नहीं. हिंदू लड़कियों और बच्चियों का कहना है कि हम स्कूल और कॉलेज से घर नहीं पहुंच पाते. लंबा रास्ता लेकर बड़ी मुश्किल से घर पहुंचना संभव हो पाता है. हमारे साथ मुस्लिम लड़के बदतमीजी करते हैं. लव जिहाद का एंगल नजर आता है. हमें पार्टी में ले जाने और उठा ले जाने जैसी बातें भी की जाती हैं. ऐसे अश्लील शब्द बोले जाते हैं जो हम दोहरा तक नहीं सकते.

ये भी पढ़ें:UP: उत्तर प्रदेश के तीनों प्रमुख धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़, काशी-अयोध्या और वृंदावन में लगा भक्तों का तांता

दिल्ली में संभल जैसे हालात, दिल्ली दंगों के बाद डेमोग्राफिक चेंज से बंद होते मंदिर

2021-22 से पहले यहां एक छोटा सा मंदिर हुआ करता था. इस मंदिर में पूजा पाठ किया जाता था लेकिन जब ब्रह्मपुरी इलाके में गोलियां चली दिल्ली दंगों की शिकार ऐसे इलाके की हिंदू अल्पसंख्यक आबादी हुई. उसके बाद से ही यहां पूजा पाठ बंद है. मंदिर के द्वार पर शटर लगाकर इसे बंद कर दिया गया है. ताला इतना पुराना हो गया है कि कई सालों से खुल नहीं है. यहां मंदिर के अवशेष के रूप में ओम ,स्वास्तिक और शिव परिवार की तस्वीर ही नजर आती है.

हालांकि दंगों के बाद यहां कैमरे लगाए गए. गली में गेट भी बनाया गया लेकिन असुरक्षा का भाव ऐसा है कि मंदिर बंद कर देना पड़ा. स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां बीते 5 सालों में आबादी इस तरीके से बदली है कि मुस्लिम बहुल इलाके में हिंदू मंदिर का बचना मुश्किल हो गया था.

ये भी पढ़ें:Sidhi Accident: मध्यप्रदेश के सीधी में खाई में गिरी बोलेरो, महाकुंभ जा रहे तीन दोस्तों की मौत

पूजा करना हुआ मुश्किल, भविष्य से डरे स्थानीय अल्पसंख्यक हिंदू

ब्रह्मपुरी में 40 साल से ज्यादा पुराना यह शिव मंदिर है. यहां अभी भी पूजा पाठ करने के लिए महिलाएं आती हैं लेकिन महिलाओं के अंदर डेमोग्राफिक चेंज की वजह से डर है. शुक्रवार यानी जुम्मे के दिन यहां पूजा करना मुश्किल हो जाता है. पास में एक पुरानी मस्जिद है लेकिन नमाजी मंदिर के आसपास के इलाके में सड़क पर बैठकर नमाज अता करते हैं.अब नई बहुमंजिला मस्जिद का निर्माण मंदिर से केवल 10 फुट की दूरी पर हो रहा है. इसके बाद स्थानीय महिलाओं में इस बात का डर और ज्यादा भयानक हो गया है कि यह मंदिर भी दूसरे मंदिर की तरह से बंद करना पड़ेगा. यहां पूजा पाठ करना संभव नहीं हो पाएगा. स्थानीय लोग और वकील एमसीडी के साथ मिली भगत होने और उसी की वजह से मस्जिद निर्माण और लैंड जिहाद का आरोप भी लगा रहे हैं.

बता दें कि साल 2020 में राजधानी दिल्ली में 24 फरवरी से 26 फरवरी तक हुए दंगों में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. इन दंगों में 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

ये भी पढ़ें: Delhi CM: ‘रामलीला मैदान में बनेंगे तीन मंच, 30,000 कुर्सियां लगाई जाएंगी’, शपथ ग्रहण की शुरू हुई तैयारियां
ये भी पढ़ें:Maha Kumbh 2025: बिहार से महाकुंभ के लिए इन तारीखों को चलेंगी 8 स्पेशल ट्रेनें, ये है टाइम टेबल



 




 

      
Advertisment