प्रयागराज में महाकुंभ का भव्य आयोजन हो रहा है. महाकुंभ में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा हुआ है. महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से प्रयागराज में हो रहा है. अब तक 52 करोड़ से अधिक लोगों ने मां गंगा की गोद में स्नान कर लिया है. महाकुंभ अभी 26 फरवरी तक चलेगा. उम्मीद है कि तब तक 60 करोड़ लोग महाकुंभ में डुबकी लगा चुके होंगे.
काशी विश्वनाथ के चारों द्वारों पर श्रद्धालुओं की लंबी भीड़
महाकुंभ के कारण उत्तर प्रदेश के वाराणसी और अयोध्या में भी श्रद्धालुओं का सैलाब दिखाई दे रहा है. काशी में जगत के पालक बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए रविवार को 20 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे. भोलेनाथ के दर्शन के लिए मंदिर के चारों गेटों पर लंबी लाइनें थीं. गौदोलिया की ओर से पांच-पांच किलोमीटर की दो-दो लाइनें लगी थीं. भक्त बाबा विश्वनाथ के जयघोष लगा रहे थे.
बता दें, काशी में सिर्फ बाबा विश्वनाथ का मंदिर ही नहीं बल्कि गलियां भी श्रद्धालुओं से भरी हुईं हैं. शहर में प्रशासन ने वाहनों की नो एंट्री कर दी है. काशी के 84 में से 20 घाटों पर सबसे अधिक क्राउड है. सुरक्षा के भी सरकार ने कड़े इंतजाम किए हैं.
65 लाख लोगों ने किए रामलला के दर्शन
अयोध्या के विश्व प्रसिद्ध राम मंदिर में भी कई दिनों से श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. सोमवार सुबह भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने वाहनों को अयोध्या शहर से कई किलोमीटर दूर रुकवा दिए. राम मंदिर के अलावा, राम जन्मभूमि पथ और हनुमान गढ़ी सहित अयोध्या प्रमुख धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं से भरे हुए हैं. अनुमान है कि 96 घंटे के अंदर करीब 65 लाख लोग अयोध्या आ चुके हैं. आसान भाषा में कहें तो पिछले चार दिनों में अयोध्या में करीब 65 लाख लोगों ने रामलला के दर्शन किए.
बांकेबिहारी मंदिर में पुलिस खुद भीड़ में फंसी
इसके अलावा, वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में भी रविवार को श्रद्धालुओं का दबाव रहा. भीड़ में दबने से एक महिला श्रद्धालु का पैर टूट गया. इलाज के लिए उन्हें भर्ती करवाया गया है. मंदिर में इतने श्रद्धालु थे कि पुलिस की भी हालत खराब हो गई. खुद कई पुलिसकर्मी ही भीड़ में दब गए थे.
बता दें, मंदिर में पिछले सप्ताह ही सुरक्षा व्यवस्था को काबू करने और श्रद्धालुओं की गिनती करने के लिए डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर लगवाया गया था. लेकिन भीड़ के दबाव से ये मशीन भी खराब हो गई. मंदिर प्रशासन को रविवार को मशीन को गेट से हटाना ही पड़ा. मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था भी इससे प्रभावित हुई.