CDS और सेना प्रमुखों के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की बैठक, पूर्वी लद्दाख में स्थिति की समीक्षा की
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख और सिक्किम, उत्तराखंड तथा अरुणाचल प्रदेश के अन्य कई क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारत की समूची सैन्य तैयारी की समीक्षा की.
दिल्ली:
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath singh)ने शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख और सिक्किम, उत्तराखंड तथा अरुणाचल प्रदेश के अन्य कई क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारत की समूची सैन्य तैयारी की समीक्षा की. दूसरी ओर, भारत और चीन की सेनाओं ने मौजूदा सीमा गतिरोध पर मेजर जनरल स्तर की एक और दौर की वार्ता की. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री को थलसेना अध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे ने एक उच्चस्तरीय बैठक में पूर्वी लद्दाख में समूची स्थिति की विस्तृत जानकारी दी.
बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) बिपिन रावत (Bipin rawat), नौसेना अध्यक्ष एडमिरल कर्मबीर सिंह और वायुसेना अध्यक्ष एअर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया भी मौजूद थे. भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग सो, गलवान घाटी, देमचोक और दौलत बेग ओल्डी में पांच सप्ताह से अधिक समय से गतिरोध जारी है. दोनों देशों ने एलएसी पर उत्तरी सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है.
चीन का विरोध कड़ाई से जारी रखे सेना
सूत्रों ने कहा कि सिंह ने समीक्षा बैठक में शीर्ष सैन्य नेतृत्व से पूर्वी लद्दाख और अन्य क्षेत्रों में स्थिति से ‘‘कड़ाई से’’ निपटना जारी रखने को कहा और साथ ही इस बात पर जोर दिया कि दोनों पक्षों को विवाद का समाधान वार्ता के माध्यम से निकालना चाहिए. माना जाता है कि वायुसेना अध्यक्ष ने बैठक में कहा कि भारतीय वायुसेना एलएसी पर चीन की सभी हवाई गतिविधियों पर करीब से नजर रख रही है.
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वहीं, नौसेना अध्यक्ष ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र में स्थिति के बारे में बात की जहां चीनी नौसेना अपनी मौजूदगी बढ़ाने की कोशिश कर रही है. इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, ‘‘रक्षा मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में स्थिति की समग्र समीक्षा की.’’
चीन और भारत में सैन्य स्तर पर हो रही बातचीत
वहीं, सैन्य सूत्रों ने बताया कि भारत और चीन की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने का कोई मार्ग ढूंढ़ने के लिए शुक्रवार को मेजर जनरल स्तर की एक और दौर की वार्ता की. भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह शांतिपूर्ण तरीके से विवाद का ‘‘जल्द से जल्द’’ समाधान निकालने के लिए सैन्य और कूटनीतिक वार्ता कर रहा है.
तनाव कम करने के लिए कुछ विशिष्ट कदम उठाने पर चर्चा होगी
विवाद के समाधान के पहले गंभीर प्रयास के तहत लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह तथा चीन की ओर से तिब्बत मिलिटरी डिस्ट्रिक्ट के कमांडर, मेजर जनरल लिउ लिन ने छह जून को बैठक की थी जो लगभग सात घंटे तक चली थी. अगले सप्ताह दोनों देशों के फील्ड कमांडरों के सिलसिलेवार बैठकें करने की योजना है जिसमें तनाव कम करने के लिए कुछ विशिष्ट कदम उठाने पर चर्चा होगी.
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बुधवार को भी दोनों पक्षों के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता हुई थी. सूत्रों ने बताया कि साढ़े चार घंटे से अधिक समय चली वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पूरी तरह यथास्थिति की बहाली तथा उन इलाकों से हजारों चीनी सैनिकों की वापसी पर जोर दिया जिन्हें भारत एलएसी पर अपनी तरफ मानता है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार की बैठक में भी भारत ने अपनी मांग दोहराई.
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