बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद नशामुक्ति को लेकर भी अभियान चलाया जा रहा है. सार्वजनिक स्थलों से लेकर सरकारी दफ्तरों में भी तंबाकू और धूम्रपान निषेध है. नियम को तोड़ने वालों के खिलाफ धारा-4, 5, 6, 6A, 6B और 7 के तहत 200 रुपये से एक हजार रुपये जुर्माना या तीन महीने की सजा का प्रावधान है. लेकिन सुपौल में खुद प्रशासनिक अधिकारी नियम और कानून की हवा निकाल रहे हैं.
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मामला सुपौल के निर्मली अनुमंडल कार्यालय परिसर स्थित एसडीएम वेश्म का है, जहां गुरुवार की शाम में नगर पंचायत निर्मली में गुदरी बाजार भवन निर्माण को लेकर नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ एसडीएम नीरज नारायण पांडेय बैठक कर रहे थे. बैठक में निर्मली के भूमि सुधार उप समाहर्ता सह नगर पंचायत निर्मली के प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी अखिलेश्वर प्रसाद वर्मा पॉकेट से रजनीगंधा और तुलसी का जिपर निकाल कर पान मसाला और तंबाकू चबाते नजर आए.
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उल्लेखनीय है कि बिहार में पहले से ही शराब पर प्रतिबंध है. शराबबंदी के बाद लोगों के स्वास्थ्य के मद्देनजर पान मसाला पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया. फिलहाल यह प्रतिबंध एक साल के लिए लगाया गया. 30 अगस्त से कुल 12 पान मसाला कंपनियों पर पूरे राज्य में एक साल की अवधि तक पैकेट या खुले रूप में विनिर्माण, भंडारण, परिवहन, प्रदर्शन और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया. यह प्रतिबंध विभिन्न जिलों से प्राप्त पान मसाला के नमूनों के जांच में मैग्नीशियम काबरेनेट की मात्रा पाए जाने के कारण लगाया गया. मैग्नीशियम काबरेनेट से हृदय संबंधित बीमारियों सहित विभिन्न प्रकार की परेशानियां होती हैं. पान मसाला के लिए फूड सेफ्टी एक्ट 2006 में दिए गए मानक के मुताबिक मैग्नीशियम काबरेनेट मिलाया जाना प्रतिबंधित है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो