Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से

Shri Premanand ji Maharaj: इन दिनों प्रेमानंद जी महाराज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें प्रेमानंद जी बताया है कि मृत्यु के समय इंसान के साथ क्या होता है. आइए यहां हम आपको विस्ताक से बताते हैं.

Shri Premanand ji Maharaj: इन दिनों प्रेमानंद जी महाराज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें प्रेमानंद जी बताया है कि मृत्यु के समय इंसान के साथ क्या होता है. आइए यहां हम आपको विस्ताक से बताते हैं.

author-image
Sushma Pandey
एडिट
New Update
Shri Premanand ji Maharaj

Shri Premanand ji Maharaj( Photo Credit : SOCIAL MEDIA )

Shri Premanand ji Maharaj: गरुड़ पुराण के मुताबिक मरते समय लोगों के दिमाग में कई तरह के विचार चलते हैं. यह विचार उनके व्यक्तिगत अनुभवों, धार्मिक या आध्यात्मिक आदान-प्रदान, डर या उम्मीद, साझा संदेह या निश्चय, तथा अन्य सामाजिक और पर्यावरणिक प्रभावों पर आधारित हो सकते हैं. अगर आपके मन में अब ये सवाल आ रहा होगा कि आखिर हम इस बारे में आपको क्यों बता रहे हैं. तो बता दें कि इन दिनों मथुरा के वृंदावन में प्रवचन करने वाले हित  प्रेमानंद जी महाराज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें प्रेमानंद जी बताया है कि मृत्यु के समय इंसान के साथ क्या होता है. आइए यहां हम आपको विस्ताक से बताते हैं. 

Advertisment

1. धार्मिक विचार

गरुड़ पुराण के अनुसार, धार्मिक विश्वासों और आध्यात्मिक संप्रदायों के तहत, लोगों के मन में उत्तम या धर्मिक घटनाओं, देवी-देवताओं, ईश्वर की दया या इंसान के जीवन के उद्धार से संबंधित विचारों की प्राथमिकता हो सकती है. वे अपने धर्मिक आस्थानों को याद करते हैं. 

2. परिवार और प्रियजनों की चिंता

लोग मरते समय परिवार और प्रियजनों की चिंता करते हैं. उनका मन परिवार के सदस्यों, बच्चों, जीवनसाथी या दोस्तों के तरफ रहता है. इनके लिए चिंता करेंगे और उनकी भावनाओं के प्रति संवेदनशील होंगे. 

3. डर या उम्मीद

मौत के समय, लोग डर, अयोग्यता या अनिर्णीतता का अनुभव कर सकते हैं, जबकि कुछ लोग अपने मरण का मित्र और उम्मीद का साथी मानते हैं.  डर या चिंता के कारण अंतिम समय में अपनी गलतियों को स्वीकार करने की भी इच्छा हो सकती है, जबकि उम्मीद या आशावादी सोच, उत्साह और आत्मविश्वास की भावना ले सकती है. 

4. भावुकता और प्रेम

कई लोग मरते समय आपसी मानसिक और भावुक अनुभव कर सकते हैं. वे अपने प्रियजनों के प्रेम का अनुभव करते हैं, माफी मांगते हैं, और अपने संबंधों को ताजगी देने की अपेक्षा कर सकते हैं. 

यह केवल अंदाजे हैं और हर व्यक्ति के अनुभव अद्यतित कर सकते हैं.  व्यक्ति के मन में चल रहे विचारों का निश्चित रूप से कहना असंभव है, लेकिन ये विचार व्यक्ति के इंटरनल स्टेट को प्रभावित कर सकते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

Source : News Nation Bureau

Religion News in Hindi Religion News Religion shri premanand ji maharaj shri premanand ji maharaj thoughts shri premanand ji maharaj tips
      
Advertisment