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Exclusive: बिहार और केंद्र दोनों सरकारें फर्टिलाइजर की कमी के लिए जिम्मेदार-सुधाकर सिंह

सुधाकर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार का काम यूरिया को बिहार तक पहुंचाना है और बिहार सरकार का काम यूरिया को किसानों तक पहुंचाने का है.

Updated on: 29 Dec 2022, 08:19 PM

highlights

  • सुधाकार सिंह का बिहार और केंद्र सरकार पर आरोप
  • दोनों सरकारें नहीं चाहतीं किसानों की समस्याओं का हल
  • बिहार और केंद्र दोनों ही नहीं निभा रहीं अपनी जिम्मेदारियां

Patna:

बिहार के किसानों में यूरिया को लेकर कोहराम मचा हुआ है. किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया नहीं मिल रही है. बिहार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने News State Bihar Jharkhand से Exclusive बातचीत में एक बार फिर से यूरिया की कमी के लिए बिहार सरकार और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. सुधाकर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार का काम यूरिया को बिहार तक पहुंचाना है और बिहार सरकार का काम यूरिया को किसानों तक पहुंचाने का है. अगर बिहार से दूसरे देश में अगर यूरिया की कालाबाजारी की जा रही है तो इसके लिए केंद्र सरकार भी जिम्मेदार है, क्योंकि अन्तर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा केंद्र के हाथ में रहती है. नेपाल, बांग्लादेश जा रहा है यूरिया और खाद तो सुरक्षाबल रोक क्यों नहीं रहे है?

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सुधाकर सिंह ने ये भी सवाल उठाया कि फर्टिलाइजर कंपनियों को भारत सरकार सब्सिडी क्यों देती है? बिहार के किसानों को दिल्ली और पटना के बीच राजनीतिक लड़ाई का नुकसान उठाना पड़ता है. बिहार सरकार और केंद्र सरका दोनों ही एक-दूसरे पर दोषारोपण का काम करती है. बिहार सरकार और भारत सरकार दोनों ही किसानों की समस्या को सुलझाने में विफल है. दोनों की सरकारों के काम बंटे हुए हैं. सप्लाई भारत सरकार को करना है और डिस्ट्रीब्यूट बिहार सरकार को करना है लेकिन दोनों ही अपनी भूमिका नहीं निभा रहे हैं. 

 

 

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सुधाकर सिंह ने आगे कहा कि मेरा मानना है कि बिहार में फर्टिलाइजर की कोई कमी नहीं है. हम राष्ट्रीय औसत से 170 फीसदी ज्यादा फर्टिलाइजर बिहार में ले रहे हैं. अगर किन्हीं कारणों से थोड़ा फर्टिलाइजर कम भी आया बिहार को तो भी बिहार के किसानों को तकलीफ नहीं होना चाहिए. ये बिहार सरकार का फेलियर है कि वह किसानों तक यूरिया व अन्य फर्टिलाइजर का डिस्ट्रीब्यूशन नहीं कर पा रहा है. अपना दामन बचाने के लिए दूसरों पर बिहार की सरकार आरोप लगा रही है. 

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सुधाकर सिंह ने कहा कि जब मैं बिहार का कृषि मंत्री था तो मैने आदेश दिया था कि बिहार में जो वेयर हाउस हैं उनमें दो महीने धान के सीजन में और दो महीने गेहूं के सीजन में फर्टिलाइजर का कंजम्शन है. बचे हुए 8 महीनों का फर्टिलाइजर जो केंद्र सरकार से आता है, मंथली कोटा, उसको बिहार सरकार अपने वेयर आउस में रख देती जिसको बोलते हैं प्रीपोजेसिंग और उसपर जो निवेश है, उस निवेश को बिहार सरकार को करना होगा और वो निवेश सिर्फ 300 करोड़ रुपए का है.

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सुधाकर सिंह ने जेट प्लेन और हेलिकॉप्टर खरीदने के नीतीश कैबिनेट के फैसले को लेकर भी नीतीश सरकार पर कटाक्ष किया. सुधाकर सिंह ने कहा कि यहां तो 350 करोड़ के हवाई जहाज खरीदे जा रहे हैं बिहार में, वहां किसानों के लिए 300 करोड़ देना कौन सी बड़ी बात है. जो 300 करोड़ निवेश भी किया जाएगा वो वापस फर्टिलाइजर बेचकर सरकार के खाते में ही चला जाएगा. खर्च 10 से 12 करोड़ रुपए केवल ब्याज का है. तो सवाल है कि 10 करोड़ किसानों के लिए 10-12 करोड़ रुपए बहुत छोटी रकम है.

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सुधाकर सिंह ने सवालिया लहजे में पूछा कि 300 करोड़ की रकम खर्च करने में बिहार सरकार का आखिर क्या जाता है? लेकिन ये माफियाओं से मिले हुए हैं. सीएम नीतीश कुमार के शीर्ष अधिकारी भ्रष्टाचारियों से मिले हुए हैं. कालाबाजारी करनेवालों से मिले हुए हैं. उनको अच्छी तरह पता है कि अगर राज्य सरकार 300 करोड़ दे देगी तो ये 20 हजार करोड़ की चोरी का खेल बंद हो जाएंगे, सारे माफिया धराशाई हो जाएंगे और किसान खुशहाल हो जाएगा और ना तो केंद्र सरकार व ना तो बिहार सरकार ये चाहती है कि किसानों की समस्या का समाधान हो.