बिहार विधानसभा चुनाव में 'राम-रावण' की 'एंट्री'!

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले मुंगेर के सांसद और जदयू के नेता ललन सिंह ने चुनावी प्रचार के दौरान कहा कि मोकामा विधानसभा सीट पर राम बनाम रावण की लड़ाई है.

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Shailendra Kumar
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MP and JDU leader Lallan Singh

सांसद और जदयू के नेता ललन सिंह का विवादित बयान( Photo Credit : IANS)

बिहार का चुनाव यूं तो जाति और मजहब के नाम पर होता रहा है, लेकिन इस विधानसभा चुनाव में यहां 'राम' और 'रावण' की भी एंट्री हो गई है. बिहार में सत्तारूढ़ पार्टी जनता दल (युनाइटेड) ने पटना के मोकामा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव को राम और रावण के बीच का बताया है. इसे लेकर अब सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है. मोकामा विधानसभा क्षेत्र में मुख्य मुकाबला बाहुबली विधायक अनंत सिंह और साफ सुथरी छवि के राजीव लोचन के बीच माना जा रहा है.

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले मुंगेर के सांसद और जदयू के नेता ललन सिंह ने चुनावी प्रचार के दौरान कहा कि मोकामा विधानसभा सीट पर राम बनाम रावण की लड़ाई है. उन्होंने महागठबंधन समर्थित राजद के प्रत्याशी अनंत सिंह को रावण का प्रतीक बताया, जबकि जदयू के प्रत्याशी राजीव लोचन सिंह को राम का प्रतीक कहा. जीत के संदर्भ में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, जब भी राम और रावण का मुकाबला होता है तो किसकी जीत होती है यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है.

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अनंत सिंह पहली बार विधायक जदयू की टिकट पर ही बने थे. जब इसकी याद सांसद को दिलाई गई तब उन्होंने कहा, वह रावण हैं इसलिए वे रावण की पार्टी में चले गए. अब ठीक हो गया. उल्लेखनीय है कि अनंत सिंह की पहचान दबंग की रही है. इनकी पहचान उनके क्षेत्र में 'छोटे सरकार' की रही है. पिछले वर्ष अनंत के नदवां गांव स्थित घर से एके-47 राइफल बरामद की गई थी और इसी मामले में वे पटना के बेउर जेल में बंद हैं. यही कारण है कि अनंत सिंह सात अक्टूबर को नामांकन भरने भी कैदी वैन पर सवार होकर जेल से आए थे.

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इधर, जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन भी कहते हैं कि 2005 के बाद से बिहार में जंगल राज का सफाया किया जा रहा है. जो कुछ चीजें बच गई हैं, उनका भी इस चुनाव में सफाया तय है. उन्होंने कहा कि राम सदाचार के प्रतीक हैं जबकि रावण अनाचार, भ्रष्टाचार का प्रतीक रहा है. उल्लेखनीय है कि 2005 से 2015 तक अनंत सिंह जदयू के टिकट पर मोकामा से तीन बार विधानसभा का चुनाव जीते. 2015 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अनंत सिंह पर हत्या के आरोप लगने पर जदयू ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था. वहीं राजीव लोचन की छवि साफ सुथरी रही है. कहा जाता है कि प्रत्येक चुनाव में वे पर्दे के पीछे रहकर राजग प्रत्याशी की यहां मदद करते रहे हैं.

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इधर, राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कटाक्ष करते हुए कहा, जब तक अनंत सिंह जदयू में थे तब तक वह राम थे, जैसे ही राजद में आए तो वे रावण हो गए. जिनके घर खुद शीशे के हैं उन्हें किसी दूसरे के घर पर पत्थर नहीं फेंकना चाहिए. उन्होंने कहा कि 10 नवंबर को पता चल जाएगा कि कौन रावण है, कौन राम. उन्होंने कहा कि रावण सरकार का अब अंत निकट आ गया है.

Source : IANS

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