धोनी को क्यों कहा जाता है क्रिकेट का सर्वश्रेष्ठ मैच फिनिशर, विश्व कप 2011 की पारी तो याद ही होगी...
एक मैच फिनिशर के तौर पर धोनी के लिए विश्व कप 2011 में श्रीलंका के खिलाफ खेले गए फाइनल मुकाबले से बड़ा कोई मैच नहीं हो सकता है.
नई दिल्ली:
MS Dhoni Retires - टीम इंडिया (Team India) के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (International Cricket) से संन्यास (Retirement) का ऐलान कर दिया है. शनिवार शाम 7.29 बजे उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर संन्यास की घोषणा कर दुनियाभर में मौजूद अपने करोड़ों फैंस को रोने के लिए मजबूर कर दिया. धोनी ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था.
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विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों मिली हार के बाद से ही महेंद्र सिंह धोनी ने क्रिकेट से दूरी बना ली थी और मैदान पर नहीं लौटे. हालांकि, वे आईपीएल में खेलते रहेंगे और 19 सितंबर को शुरू हो रहे इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन में क्रिकेट के मैदान पर वापसी करेंगे. आईपीएल सीजन 13 का पहला मैच मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच खेला जाना है और इसी मैच के साथ धोनी की लंबे समय के बाद क्रिकेट में वापसी भी होगी.
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क्रिकेट के सबसे बेहतरीन मैच फिनिशर के तौर पर दुनियाभर में मशहूर महेंद्र सिंह धोनी को ये मुकाम ऐसे ही नहीं मिला. मिडिल ऑर्डर पर बल्लेबाजी करने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने अपने दम पर टीम इंडिया को कई मैच जिताए. इस बात में कोई दो राय नहीं है कि धोनी को सर्वश्रेष्ठ मैच फिनिशर का तमगा, उनकी संयम की वजह से मिला. जब पूरी दुनिया की उम्मीद खत्म हो जाती है, धोनी तब जाकर अपना रंग दिखाते हैं और हारे हुए मैच को जीत में तब्दील कर देते हैं. मैच खत्म करने का धोनी का अपना स्टाइल है, वे आमतौर पर छक्के के साथ मैच खत्म करना पसंद करते हैं.
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एक मैच फिनिशर के तौर पर धोनी के लिए विश्व कप 2011 के फाइनल मुकाबले से बड़ा कोई मैच नहीं हो सकता है. धोनी ने 2 अप्रैल, 2011 को खेले गए विश्व कप के फाइनल मुकाबले में नुवन कुलसेकरा की गेंद पर छक्का मारकर भारत को दूसरी बार विश्व चैंपियन बनाया था. इस मैच के बाद से ही वे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मैच फिनिशरों में गिने जाने लगे और समय के साथ-साथ देखते ही देखते एक दिन विश्व क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ मैच फिनिशर बन ही गए.
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धोनी ने बीते साल जनवरी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में खेले गए मैच में दो छक्कों की मदद से नाबाद 55 रनों की पारी खेलकर भारत को जीत दिलाई थी. धोनी की इस पारी के बिना टीम इंडिया की जीत बहुत मुश्किल थी.
त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल मुकाबले में भारत का सामना श्रीलंका से था. श्रीलंका ने भारत को 202 रनों का लक्ष्य दिया था. जिसके बाद ऐसा लगा भारत बहुत आसानी से मैच जीत जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. भारत को आखिरी ओवर में जीत के लिए 15 रनों की जरूरत थी और उनके पास केवल एक ही विकेट बचा था. ऐसे में धोनी ने मैच के आखिरी ओवर में 2 छक्के और एक चौका लगाकर भारत को त्रिकोणीय सीरीज जिताई.
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