गणतंत्र दिवस के पीछे की कहानी: 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है?
26 नवंबर, 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाने के बाद इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था.
दिल्ली:
यह एक महत्वपूर्ण दिन है जब भारत काफी गर्व के साथ संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में अपने 73वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. जैसे ही भारत के राष्ट्रपति राजपथ पर आते हैं और परेड की शुरुआत सलामी लेने के साथ होती है तो यह गौरव के साथ 72 साल पीछे मुड़कर देखने की बरबस याद आ जाती है. लेकिन आधुनिक भारतीय इतिहास में गणतंत्र दिवस इतना महत्वपूर्ण क्यों है? गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है क्योंकि इसी तारीख को भारतीय संविधान लागू हुआ था जब एक स्वतंत्र गणराज्य बनने के लिए भारत का ट्रांजिशन को पूरा किया. जब हमने 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की, तब भी भारत ब्रिटिश भारत पर शासन करने वाले संविधान का पालन कर रहा था. यह अंग्रेजों द्वारा 1919 और 1935 के भारत सरकार अधिनियमों पर आधारित था, जिसने अंततः 1949 में तैयार किए गए भारत के संविधान की नींव रखी. यह संविधान था जो 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ जहां हमने पहली बार गणतंत्र दिवस मनाया था.
यह भी पढ़ें : आज 73वां गणतंत्र दिवस : राजपथ पर दिखेगा परेड के साथ भव्य नजारा
26 जनवरी ही क्यों ?
26 नवंबर, 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाने के बाद इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था. तारीख को इसलिए चुना गया था क्योंकि यह पूर्ण स्वराज दिवस के साथ मेल खाता था जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन के विरोध में पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी. लाहौर (अब पाकिस्तान) में कांग्रेस के ऐतिहासिक वार्षिक सत्र में घोषणा की गई थी. जवाहरलाल नेहरू को अपने पिता मोतीलाल नेहरू से पदभार संभालने के लिए कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, जिन्होंने भारत के लिए एक नए डोमिनियन स्टेटस संविधान का समर्थन किया था. 40 वर्षीय जवाहरलाल ने अपने पिता के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और ब्रिटिश शासन से पूरी तरह से अलग होने का तर्क दिया. उन्हें बाल गंगाधर तिलक, सुभाष चंद्र बोस, अरबिंदो और बिपिन चंद्र पाल जैसे नेताओं का समर्थन प्राप्त था. प्रस्ताव पारित किया गया और कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज के लिए जनवरी 1930 का अंतिम रविवार निर्धारित किया. तारीख 26 जनवरी थी. कांग्रेस ने भारतीयों से 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का आग्रह किया. अगस्त 1947 में वास्तविक स्वतंत्रता के बाद, 26 जनवरी की महत्वपूर्ण तारीख को नहीं छोड़ा जा सकता था. इसलिए बाद में इसे समान रूप से महत्वपूर्ण दिन के रूप में चिह्नित करने के लिए चुना गया.
पहला राष्ट्रपति और पहला गणतंत्र दिवस
26 जनवरी 1950 को देश को पहला राष्ट्रपति मिला था. डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने शपथ ली और उस दिन भारतीय संघ के पहले राष्ट्रपति के रूप में अपना कार्यकाल शुरू किया. बाद में उन्हें 1952 और 1957 में लगातार दो बार फिर से चुना गया. यह उपलब्धि हासिल करने वाले भारत के एकमात्र राष्ट्रपति हुए. 12 वर्षों तक राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा करने के बाद उन्होंने 1962 में सेवानिवृत्त होने के अपने निर्णय की घोषणा की.
भारत के पहले गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति थे
1950, 1951, 1952, 1953 की परेड और 1954 में नई दिल्ली के इरविन स्टेडियम (अब मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम के रूप में जाना जाता है), लाल किला, रामलीला मैदान और किंग्सवे में आयोजित किए गए थे. दरअसल, 26 जनवरी 1950 को सार्वजनिक समारोह दोपहर में ही शुरू हो गए थे क्योंकि सुबह राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह था. भारत के पहले गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे, जिन्हें दोपहर 2.30 बजे छह घोड़ों की गाड़ी में इरविन स्टेडियम ले जाया गया. घोड़े पर सवार ग्वालियर लांसर्स के एक बैंड के साथ एक समारोह की योजना बनाई गई. यह स्टेडियम पहुंचने से पहले नई दिल्ली के पार्लियामेंट स्ट्रीट, कनॉट सर्कस, बाराखंभा रोड, सिकंदरा रोड और हार्डिंग एवेन्यू (जिसे अब तिलक मार्ग के नाम से जाना जाता है) से होकर गुजरा. भारत के वर्तमान राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति हैं. आज जब वे परेड की अध्यक्षता करेंगे तो उन्हें देश के प्रथम नागरिक के रूप में सर्वोच्च सम्मान प्राप्त होगा. उनके घुड़सवार अंगरक्षक पहले राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देंगे, उसके बाद राष्ट्रगान बजाया जाएगा. इसके बाद राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी जाएगी.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी