केरल सरकार ने बुधवार को सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों में महिला चालकों को नियुक्त करने का फैसला लिया. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया जिससे इस क्षेत्र में दशकों से चला आ रहा पुरुषों का वर्चस्व खत्म होगा. यहां जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, समाज के सभी वर्गों में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के सरकार के फैसले के तौर पर महिलाओं की नियुक्ति की जाती है.
इसमें कहा गया है, ‘मंत्रिमंडल ने सरकारी सेवाओं और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में महिला चालकों की भर्ती करने का फैसला किया है. इसके लिए मौजूदा भर्ती नियमों में संशोधन किया जाएगा.’ सरकार ने पुलिस बल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की कोशिश के तौर पर हाल ही में 550 सदस्यों वाली पहली महिला बटालियन स्थापित की थी. विज्ञप्ति में बताया गया है कि मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय खेलों में 83 पुरस्कार विजेताओं को विभिन्न सरकारी विभागों में नियुक्त करने का भी फैसला किया है.
आपको बता दें कि इसके पहले साल 2015 में राज्य के सामाजिक न्याय विभाग के तहत काम करने वाले स्वायत्त संस्थान जेंडर पार्क ने आम महिलाओं के अनुकूल इस नई परिवहन प्रणाली की योजना बनाई थी तब उसकी 'शी टैक्सी सेवा' को भारी सफलता मिली थी जो इस तरह की देश की पहली चौबीसों घंटे चलने वाली सेवा थी. विश्व बैंक ने शी टैक्सी की तारीफ करने के साथ प्रस्तावित महिला बस परियोजना के लिए सहायता की पेशकश की थी. तत्कालीन सामाजिक न्याय राज्यमंत्री एमके मुनीर ने कहा था, 'महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार की चिंताओं के बीच उनकी सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए शी टैक्सी की तरह शी बस भी सरकार की योजना का हिस्सा है.'
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो