आर्टिकल 370 हटाने के खिलाफ दायर याचिका पर जल्‍द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने जम्‍मू-कश्‍मीर से धारा 370 हटाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर जल्‍द सुनवाई करने से इनकार कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने जम्‍मू-कश्‍मीर से धारा 370 हटाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर जल्‍द सुनवाई करने से इनकार कर दिया है.

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Sunil Mishra
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आर्टिकल 370 हटाने के खिलाफ दायर याचिका पर जल्‍द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट ने जम्‍मू-कश्‍मीर से धारा 370 हटाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर जल्‍द सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. अधिवक्‍ता एमएल शर्मा ने यह याचिका दायर की थी. अब मामले की सुनवाई नियमित प्रक्रिया के तहत ही हो पाएगी. वकील एमएल शर्मा ने कहा- पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के लोग इस मामले को लेकर संयुक्त राष्ट्र जा सकते हैं, इसलिये जल्द सुनवाई की ज़रूरत है. इस पर जस्टिस रमन्‍ना ने सवाल किया- आपको लगता है कि संयुक्‍त राष्‍ट्र (United Nation) भारतीय संविधान के संशोधन पर रोक लगा देगा. कोर्ट ने जल्द सुनवाई की कोई तारीख तय न करते हए वकील एमएल शर्मा को अपनी एनर्जी बाद में जिरह के लिए बचाकर रखने की सलाह दी. अब मामला सुनवाई के लिए नियमित प्रकिया के तहत ही आएगा.

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दूसरी ओर, जम्‍मू-कश्‍मीर में अनुच्‍छेद 370 हटाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. तहसीन पूनावाला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर धारा 144 को हटाने, मोबाइल-इंटरनेट सेवा, टीवी चैनल के प्रसारण को बहाल करने की मांग की है. याचिका में 4 अगस्त के बाद से हिरासत में लिए गए राजनेताओं की रिहाई की मांग की गई है. याचिका के जरिए हालात की समीक्षा के लिए न्यायिक आयोग के गठन की भी मांग की है. तहसीन पूनावाला का कहना है कि इस तरह के प्रतिबंध संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 के तहत मिले मूल अधिकारों के खिलाफ हैं.

याचिका में मांग की गई है कि जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्थिति का पता लगाने के लिए न्यायिक आयोग गठित किया जाए. ये हालात अनुच्छेद- 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) और अनुच्छेद 21 (नागरिकों को जीने का अधिकार) का सीधे तौर पर उल्लंघन है. पूनावाला का दावा है कि राज्‍य में अभी बुनियादी स्वास्थ्य सेवा, शैक्षणिक संस्थान, बैंक, सार्वजनिक कार्यालय, खाद्य-सब्जियां और राशन आपूर्ति तक वर्जित हैं. बुनियादी जरूरतों को भी प्रतिबंधित किया गया है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर का दौरा करने और जमीनी हालात का पता लगाने और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक न्यायिक आयोग की नियुक्ति की मांग की गई है.

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दूसरी ओर, केंद्र सरकार ने बकरीद के मौके पर राज्‍य में पाबंदियों में ढील दे सकती है. यह ढील किस तरह से दी जाएगी, इस बारे में पता नहीं चल पाया है. बकरीद का त्यौहार 12 अगस्त को मनाया जाएगा. 5 अगस्‍त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटने का फैसला किया गया था. इसी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने ये पाबंदियां लगाई गई थीं.

Supreme Court jammu-kashmir Article 35A Jammu and Kashmir Article 370
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