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तमिलनाडु संकट: पन्नीरसेल्वम गुट में शामिल हुईं जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार, शशिकला को सुप्रीम झटका

जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार मंगलवार को पन्नीरसेल्वम के साथ दिखीं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में निचली अदालत के फैसले को बहाल करते हुए कोर्ट ने शशिकला को चार साल कारावास की सजा सुनाई।

Updated on: 14 Feb 2017, 11:55 PM

highlights

  • पन्नीरसेल्वम के गुट में शामिल हुईं जयललिता की भतीजी, भतीजा शशिकला के पक्ष में
  • सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला को सुनाई है चार साल की सजा, पुलिस कर सकती है गिरफ्तार
  • शशिकला समर्थक विधायक अभी भी रिजॉर्ट में, पलनीसामी को चुना गया विधायक दल का नेता

नई दिल्ली:

ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) में जारी सत्ता संघर्ष के बीच सुप्रीम कोर्ट ने वीके शशिकला का मुख्यमंत्री बनने का सपना चकनाचूर कर दिया। आय से अधिक संपत्ति मामले में निचली अदालत के फैसले को बहाल करते हुए कोर्ट ने उन्हें चार साल कारावास की सजा सुनाई।

सजा के बाद पार्टी के बागी नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम का दावा मजबूत होता दिख रहा है। जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार मंगलवार को पन्नीरसेल्वम के साथ दिखीं। मंगलवार रात को कार्यवाहक मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम और जयकुमार चेन्नई के मरीना बीच स्थित जयललिता के स्मारक पहुंचे। जहां दीपा ने पन्नीरसेल्वम को समर्थन देने का ऐलान किया।

जयललिता की मौत के बाद एआईएडीएमके की कमान शशिकला को मिलने के बाद भी दीपा ने विरोध जताया था और कहा था कि वह कुछ दिनों बाद अपने फैसले को सार्वजनिक करेंगे। अब जब पन्नीरसेल्वम अपने समर्थकों के साथ शशिकला के विरोध में उतर आये हैं तो दीपा ने साफ कर दिया है कि वह पन्नीरसेल्वम के साथ हैं।

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दीपा जयकुमार ने शशिकला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, 'अब यह साफ हो चुका है कि जो लोग भ्रष्टाचार में शामिल हैं, उन्हें अंजाम तक पहुंचना होगा। मैंने हमेशा कहा है कि आय से अधिक संपत्ति मामले की वजह से शशिकला कभी भी स्वीकारी नहीं जाएंगी।' हालांकि जयललिता के भतीजे दीपक जयकुमार शशिकला के खेमे में हैं।

एआईएडीएमके ने पलनीसामी को चुना विधायक दल का नेता

शशिकला को सजा होने के बाद एआईएडीएमके ने लोकनिर्माण, राजमार्ग मंत्री ई. पलनीसामी को विधायक दल का नेता चुना है। उन्होंने मंगलवार शाम को राज्यपाल सी. विद्यासागर राव से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। पलनीसामी के सहयोगी ने कहा कि शशिकला गुट के पास एआईएडीएमके के 135 विधायकों में से अधिकांश का समर्थन है, और सिर्फ 9 विधायक ही कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम के समर्थन में हैं। बाद में एआईएडीएमके के नेता वी. मैत्रेयन और पी.एच. पांडियन ने भी पन्नीरसेल्वम की तरफ से राज्यपाल से मुलाकात की।

पन्नीरसेल्वम समेत 20 नेता पार्टी से बाहर

भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद एआईएडीएमके महासचिव वी के शशिकला ने तमिलनाडु के कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पन्नीसेल्वम समेत 20 नेताओं को पार्टी से बर्खास्त कर दिया। इससे पहले AIADMK ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम को कोषाध्यक्ष पद से हटा दिया था।

रिजॉर्ट में काटी गई बिजली

चेन्नई से 80 किलोमीटर दूर महाबलिपुरम के नजदीक गोल्डन बे रिजॉर्ट में शशिकला समर्थक विधायकों को रखा गया है। जहां से विधायकों को निकालने के लिए पुलिस ने उसकी बिजली सप्लाइ काट दी। हालांकि बाद में फिर से बिजली सप्लाइ शुरू की गई। रात 9.30 बजे के करीब शशिकला रिजॉर्ट से बाहर निकली। रिजॉर्ट के बाहर बड़ी तादाद में पुलिसकर्मी तैनात हैं। भावुक शशिकला ने कहा, 'कोई शक्ति मुझे पार्टी से अलग नहीं कर सकती। मैं कहीं भी रहूं हमेशा पार्टी के बारे में ही सोचूंगी।' उन्होंने कहा, 'हमलोग चुप-चाप इंतज़ार कर रहे हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि हमें सरकार बनाने का न्यौता मिलेगा।' सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद खबर है कि पुलिस शशिकला को जल्द गिरफ्तार कर सकती है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में निचली अदालत के फैसले को बहाल करते हुए कोर्ट ने शशिकला को चार साल कारावास की सजा सुनाई। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शशिकला अब 10 वर्षो तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। इसमें से चार साल उनकी कैद की अवधि के होंगे और रिहा होने के बाद जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत वह छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगी। निचली अदालत के फैसले को बहाल करते हुए न्यायमूर्ति घोष ने कहा कि शशिकला तथा दो अन्य दोषी निचली अदालत के समक्ष समर्पण करेंगे और उन्हें बाकी की सजा पूरी करनी पड़ेगी।

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निचली अदालत ने शशिकला को चार साल कारावास की सजा सुनाई है तथा 10 करोड़ रुपये जुर्माना भी लगाया है। निचली अदालत ने जयललिता, शशिकला तथा दो अन्य को 27 सितंबर, 2014 को दोषी ठहराया था। सुप्रीम कोर्ट का फैसला कर्नाटक सरकार की उस याचिका पर सुनवाई के बाद आया है, जिसमें उसने 11 मई, 2015 को कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा आय से अधिक संपत्ति मामले में जयललिता, शशिकला तथा दो अन्य को बरी करने के फैसले को चुनौती दी थी।

वर्ष 1991-1996 के दौरान जयललिता के मुख्यमंत्री रहते हुए 66.65 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति के मामले में चारों को निचली अदालत ने दोषी ठहराया था। 

(इनपुट IANS से भी)