तमिलनाडु संकट: जानें जयललिता के वफादार रहे पलानीसामी को शशिकला ने क्यों चुना
राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट की अनुमति के बाद एक तरफ जयललिता के वफादार रहे पन्नीरसेल्वम मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पेश करेंगे तो दूसरी तरफ पलानीसामी।
highlights
- एआईएडीएमके ने पलानीसामी को चुना विधायक दल का नेता
- जयललिता और शशिकला के करीबी हैं पलानीसामी
- पलानीसामी के पास है निर्माण, राजमार्ग एवं लघु बंदरगाह मंत्रालय
नई दिल्ली:
तमिलनाडु में जारी राजनीतिक संकट के बीच ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) महासचिव शशिकला नटराजन को बड़ा झटका देते हुए आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार साल की सजा सुनाई है। ऐसे में पन्नीरसेल्वम के बागी तेवर के बीच शशिकला का जेल जाना तय है। इस बीच एआईएडीएमके ने जयललिता के करीबी पलानीसामी को विधायक दल का नेता चुना है।
पालानिसामी ने तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर राव से मुलाकात की और अपने समर्थक विधायकों की लिस्ट सौंपी है। माना जा रहा है कि राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट की अनुमति के बाद एक तरफ जयललिता के वफादार रहे पन्नीरसेल्वम मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पेश करेंगे तो दूसरी तरफ पालानिसामी।
शशिकला को सजा होने के बाद पलानीसामी एका-एक सुर्खियों में आने वाले नेता हैं। जिसे पन्नीरसेल्वम को चुनौती देने के लिए शशिकला गुट ने विधायक दल का नेता चुना है।
जानते हैं पालानिसामी क्यों हैं खास-
1. पलानीसामी के पास फिलहाल तमिलनाडु सरकार में तीन मलाईदार मंत्रालय है। एआईएडीएमके के नवनियुक्त विधायक दल के नेता पलानीसामी के पास लोक निर्माण, राजमार्ग एवं लघु बंदरगाह मंत्रालय है।
2. जयललिता के निधन के बाद जब एआईएडीएमके शशिकला और पन्नीरसेल्वम गुट में बंटी तो पलानीसामी हमेशा शशिकला के साथ दिखे। 2011-16 के बीच 4 सदस्यों वाली किचन कैबिनेट में भी पलानीसामी थे। पलानीसामी के अलावा कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम, पूर्व मंत्री नाथम आर विश्वनाथन और आर वैथीलिंगम थे।
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3. 62 वर्षीय पलानीसामी 1980 में AIADMK में शामिल हुए थे। पार्टी संस्थापक एमजी रामचंद्रन की 1987 में मौत के बाद पार्टी में गुटबाजी हुई उस समय पलानीसामी जयललिता के साथ खड़े थे। जिसका अवॉर्ड जयललिता ने कोंगू वेल्लला गोंडर कमेटी का सदस्य बनाकर दिया। उन्हें 1989 में इडाप्पडी विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया गया उन्होंने मध्यावधि चुनाव में सफलता हासिल की। जिसके बाद 1991 में भी वह विधानसभा पहुंचे।
4. पेशे से किसान रहे पलानीसामी ने इडाप्पडी विधानसभा क्षेत्र से 2006 और 2011 में भी सफलता हासिल की। 2011 जयललिता ने अपने कैबिनेट में राजमार्ग और लघु बंदरगाह विभाग देकर पलानीसामी को जगह दी। तब तक जयललिता से और करीबी बढ़ चुकी थी। 2016 में एआईएडीएमके की सरकार बनने के बाद पलानीसामी का कद और बढ़ा और उन्हें राजमार्ग, लघु बंदरगाह विभाग के अलावा लोक निर्माण विभाग भी दिया गया।
5. जयललिता के बीमार पड़ने के बाद पलानीसामी पन्नीरसेल्वम के साथ खड़े थे। जयललिता के अस्पताल में रहने के दौरान पलानीसामी ने पन्नीरसेल्वम के साथ राज्यपाल सी विद्यासागर राव से मुलाकात की थी।
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