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सीमापार मंदिरों को निशाना बना रहा पाकिस्तान, लोगों के लिए कवच बने बंकर

पाकिस्तान ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के उन्हीं तीन सेक्टरों में संघर्ष विराम उल्लंघन को जारी रखा, जहां वे मंगलवार से हमला कर रहे थे.

Updated on: 11 Nov 2020, 04:29 PM

जम्मू:

पाकिस्तान ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के उन्हीं तीन सेक्टरों में संघर्ष विराम उल्लंघन को जारी रखा, जहां वे मंगलवार से हमला कर रहे थे. लगभग सुबह 9.15 बजे, पाकिस्तान ने छोटे हथियारों से गोलीबारी करके मोर्टार से गोले दागकर शाहपुर, किरनी और कस्बा सेक्टरों में नियंत्रण रेखा के पास बिना किसी उकसावे के संघर्ष विराम का उल्लंघन शुरू किया. हालांकि भारतीय सेना इसका करारा जवाब दे रही है.

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बताया जा रहा है कि पाकिस्तान अब अपनी फायरिंग से बॉर्डर पार मंदिरों को भी निशाना बना रहा है. हीरानगर में पाकिस्तान ने मंदिरों को टारगेट कर फायरिंग की है. जिसके निशान मंदिरों की दीवारों पर साफ देखे जा सकते हैं. पाकिस्तान की फायरिंग में मंदिर के शीशे भी टूट गए हैं. लोगों के मुताबिक, पाकिस्तान ये सब जानबूझ कर लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए कर रहा है, ताकि बीएसएफ के साथ खड़े लोगों का हौसला तोड़ सके. लेकिन लोगों का साफ कहना है कि वो पाकिस्तान की किसी भी साजिश को कामयाब नहीं होने देंगे.

मगर अब पाकिस्तान की फायरिंग में सरकार द्वारा बनाए गए बंकर लोगों की ढाल बन रहे हैं. ये पहला मौका है, जब बंकरों के वजह से महीनों से फायरिंग कर रहे पाकिस्तान की फायरिंग में कठुआ के हीरानगर सेक्टर में कोई लोगों को कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है. सरकार द्वारा कठुआ में 2100 इंडिविजुअल और कम्युनिटी बनाने की मंजूरी दी गई थी, जिसमें से करीब 1330 इंडिविजुअल और 90 कम्युनिटी बंकर बनकर तैयार हो गए हैं. ऐसे में पाकिस्तान द्वारा की जा रही फायरिंग से बचने के लिए लोग अपने बच्चों और महिला को बंकर में ले जाते हैं, ताकि उन्हें कोई जानी नुकसान न उठाना पड़े.

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लोगों का जरूर यह कहना है कि फायरिंग की वजह से उनके घरों को और मवेशियों को नुकसान पहुंचता है और वो चाहते हैं कि सरकार उसके लिए उन्हें मुआवजा दे, ताकि उनके नुकसान की भरपाई हो सके. लेकिन ये जरूर है कि सरकार द्वारा बनाए गए इन बंकर से उन्हें फायदा हो रहा है. उल्लेखनीय है कि गृह मंत्री रह चुके राजनाथ सिंह ने अपने कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर में 14 हजार से ऊपर बंकर बनाने की मंजूरी दी, जिसमें से ज्यादातर बंकर बनकर तैयार हो चुके हैं. कुछ जगहों पर जरूर बंकर की क्वालिटी को लेकर लोग सवाल भी खड़ा कर रहे हैं.