केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सिम कार्ड लेने के लिए एकमात्र पहचान सबूत के तौर पर आधार को जोड़ना एक अंतरिम उपाय था।
यह तब तक जारी रहेगा, जब तक आधार अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर शीर्ष अदालत का फैसला नहीं आ जाता।
अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ के समक्ष प्रतिक्रिया दे रहे थे। उनसे आधार को सिमकार्ड लेने के लिए एकमात्र पहचान सबूत के तौर पर प्रयोग नहीं करने की रिपोर्ट के बारे में पूछा गया था।
वेणुगोपाल ने पीठ को बताया कि अदालत के पहले आदेश के अनुसार, आधार के अलावा अन्य पहचान प्रमाणों को अंतरिम व्यवस्था के रूप में शामिल किया गया है और फैसला आने तक ऐसे ही जारी रहेगा।
अटॉर्नी जनरल ने सरकार के आदेश के पृष्ठ-दो का संदर्भ दिया, जिसमें कहा गया है कि फैसला आने के वक्त तक आधार को जोड़ना अंतरिम उपाय रहेगा।
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Source : IANS