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Ragi Jowar or Wheat Photograph: (Freepik)
भारतीय किचन में रोजाना गेहूं के आटे की रोटी बनाई जाती है, लेकिन रोजाना गेहूं के आटे की रोटी कई जगह खाना ठीक नहीं माना जाता है. गेहूं की रोटी में ग्लूटेन होता है जो कि शरीर में ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है. वहीं उत्तर भारत की बातक करें तो खाने में कितनी ही वैरायटी क्यों ना हो लोगों का खाना बिना रोटी के पूरा नहीं होता है. अक्सर पूरे साल गेहूं और सर्दी के मौसम में बाजरा, मक्की जैसी रोटियां खाई जाती है. वहीं एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि मिलेट्स खाने चाहिए. जो कि मेटे अनाज होते है.
रागी
रागी एक पोषण से भरा अनाज है, जिसे अफ्रीका और साउथ एशिया, विशेषकर भारत में खाया जाता है. रागी में फाइबर, मिनरल्स और जरूरी एमीनो एसिड की मात्रा भरपूर होती है और इसीलिए इसे सफेद चावलों से एक बेहतर विकल्प माना जाता है.
ज्वार
ज्वार के बारे में आजकल आप इंटरनेट पर खूब देख रहे होंगे. भारत में खूब पैदा होने वाला ये अनाज पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इसीलिए इसे कई डाइट प्लान्स में जोड़ा जाता है. अपने डाइटरी फाइबर, प्रोटीन, जरूरी न्यूट्रिएंट्स जैसे आयरन, कैल्सियम और विटामिन्स की वजह से इसे खूब पसंद किया जाता है.
गेहूं
उत्तर भारत में खाया जाने वाला ये अनाज पूरे साल खाया जाता है. सालों से गेंहू दुनिया के कई हिस्सों में सालभर खाई जाने वाली डाइट है. इसमें भी कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है.
कौन ज्यादा फायदेमंद
रागी- ये कैल्शियम, आयरन और फाइबर से भरपूर होता है. वजन घटाने वाले या डायबिटीज के मरीजों के लिए ये एक बढ़िया ऑप्शन है. हार्ट हेल्थ के लिए भी इसे चुना जा सकता है. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है.
ज्वार- ये फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है. डाइजेशन, हार्ट हेल्थ और ग्लूटन से एलर्जी रखने वाले लोगों के लिए ये एक अच्छी चॉइस है.
गेहूं- ये फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर है. लंबे समय तक एनर्जी बनाए रखने के लिए ये अच्छी चॉइस है. इसका आटा हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद है. लेकिन ये ग्लूटेन फ्री नहीं है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)