Scientist on River Ganga: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 चल रहा है. अब तक 60 करोड़ से अधिक श्रद्धालु कुंभ स्नान कर चुके हैं. इतनी भारी तादाद में श्रद्धालुओं के स्नान के बावजूद भी गंगा नदी बिल्कुल किटाणु मुक्त है. यह बात हम नहीं बल्कि एक वैज्ञानिक की स्टडी में सामने आई है. यह स्टडी पद्मश्री अवॉर्डी डॉक्टर अजय सोनकर ने की है. उनका कहना है कि यह दुनिया की एकमात्र फ्रेशवॉटर रिवर है, जो कीटाणुओं को 50 तेजी से खत्म करती है.
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गंगा में पाए जाते हैं बैक्टेरियोफेज
एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टर अजय सोनकर ने अपनी स्टडी में बताया है कि गंगा दुनिया की एकमात्र फ्रेश वॉटर रिवर है, जिसमें 1100 प्रकार के बैक्टेरियोफेज (Bacteriophages) नेचुरली पाए जाते हैं. ये बैक्टेरियोफेज यानी जीवाणुभोजी गंगा नदी के पानी को शुद्ध करते हैं और अपनी संख्या से 50 गुना अधिक कीटाणुओं (Germs) को मारते हैं, यहां तक कि उनके RNA को भी बदल देते हैं.
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गंगा को कैसे शुद्ध करते हैं बैक्टेरियोफेज
डॉक्टर अजय सोनकर ने गंगा की शुद्ध होने का श्रेय इन्हीं बैक्टेरियोफेज को देते हैं. ये बैक्टेरियोफेज गंगा के ‘सुरक्षा रक्षक’ के रूप में जाने जाते हैं और नदी को तुरंत शुद्ध (Purify) कर देते हैं. ये बैक्टेरियोफेज गंगा नदी के सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करते हैं और हानिकारक बैक्टीरिया की सही पहचान कर उनको खत्म कर देते और इस तरह गंगा नदी का पानी पूरी तरह से निर्मल जा होता है.
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