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भोजपुरी गाना 'बंबई में का बा' के लिए साथ आए अनुभव और मनोज

अनुभव सिन्हा ने कहा, मैं सबसे लंबे समय से एक भोजपुरी गाना करना चाहता था. मैं 70 के दशक से भोजपुरी माहौल में बड़ा हुआ हूं और बहुत से लोगों को अब भी एहसास नहीं है कि उन दिनों भोजपुरी संगीत बहुत उत्तम दर्जे का हुआ करता था.

Updated on: 06 Sep 2020, 12:36 PM

मुंबई:

बिहार से ताल्लुक रखने वाले निर्माता-निर्देशक अनुभव सिन्हा को हमेशा से ही भोजपुरी संगीत सुनना पसंद है, लेकिन उन्हें लगता है कि सांस्कृतिक रूप से समृद्ध संगीत ने समय के साथ अपना आकर्षण खो दिया है. ऐसे में भोजपुरी संगीत को पुनर्जीवित करने और अपनी संस्कृति के लिए कुछ करने के उद्देश्य के साथ उन्होंने अपने प्रोडक्शन बैनर बनारस मीडियावर्क्‍स के तहत भोजपुरी म्यूजिक वीडियो 'बंबई में का बा' की रचना, निर्देशन और निर्माण किया है. जिसमें मनोज वाजपेयी नजर आएंगे.

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70 के दशक में भोजपुरी संगीत बॉलीवुड अहम हिस्सा था
अनुभव सिन्हा ने कहा, मैं सबसे लंबे समय से एक भोजपुरी गाना करना चाहता था. मैं 70 के दशक से भोजपुरी माहौल में बड़ा हुआ हूं और बहुत से लोगों को अब भी एहसास नहीं है कि उन दिनों भोजपुरी संगीत बहुत उत्तम दर्जे का हुआ करता था. यह बॉलीवुड का एक अभिन्न हिस्सा था जिस तरह आज पंजाबी संगीत है. क्लासिक भोजपुरी-आधारित बॉलीवुड नंबर जैसे कि 'नैन लड़ जइ है तो मनवा मा' और 'चलत मुसाफिर मोह लिया रे' इत्यादि गीत बॉलीवुड में देखने मिले थे. उस दौरान भोजपुरी संगीत को शिक्षित लोगों के घरों में भी बजाया जाता था.

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अब भोजपुरी संगीत डबल मीनिंग और अर्थहीन बन गए हैं
उन्होंने कहा, अब पिछले 25-30 सालों में भोजपुरी संगीत डबल मीनिंग और अर्थहीन बन गए हैं. अब इसे घरों में नहीं बल्कि पान की दुकान, चाय की दुकान पर बजाया जाता है. जो लोग अपने परिवार में इन गीतों को सुनते थे, वे भी इनसे दूर होते गए हैं. चूंकि, मैं देश के उस हिस्से से ताल्लुक रखता हूं इसलिए मैं आपको बता सकता हूं कि पहले इस संगीत का उपभोग करने वाले लोगों का प्रतिशत आज के भोजपुरी संगीत का उपभोग करने वाले लोगों की तुलना में अधिक था. पिछले 10 सालों से मैं एक उत्तम दर्जे का सार्थक गीत के साथ भोजपुरी संगीत को पुनर्जीवित करना चाहता था. जिसे सभी पीढ़ियां मिलकर एन्जॉय कर सकें.

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मनोज वाजपेयी कर रहे अभिनय
संगीत वीडियो 'बंबाई में का बा' के लिए बहुमुखी अभिनेता मनोज वाजपेयी के साथ अपने सहयोग पर बात करते हुए उन्होंने कहा, एक सुबह मनोज ने मुझे एक भोजपुरी गीत भेजा और वह चाहते थे कि मैं इसे सुनू. तब तक मैं यह गाना 'बंबाई में का बा' पहले ही बना चुका था और मुझे लगा कि मनोज को इस गाने इस गाने में पेश किया जाना चाहिए, लेकिन मैं इसके बारे में निश्चित नहीं था इसलिए उनसे संपर्क नहीं किया. फिर एक दिन उन्होंने मुझे एक अन्य भोजपुरी गाना भेजा और मैंने उनसे कहा कि मुझे नए जमाने के भोजपुरी गाने पसंद नहीं हैं और फिर जाकर मैंने उन्हें अपने इस गीत के बारे में बताया. जब उन्होंने यह गाना सुना तो उन्हें काफी अच्छा लगा. मैंने उनसे पूछा कि क्या वह इसमें शामिल होना चाहेंगे. मनोज ने हामी भर दी. अगले दिन वह स्टूडियो में रिहर्सल के लिए पहुंच गए और एक हफ्ते में हमने इसकी शूटिंग शुरू कर दी. हम दोनों के लिए प्रेरित महसूस करने और गाने पर काम करने के बहुत अच्छे कारण थे क्योंकि यह प्रवासी कामगारों के बारे में है और मुझे उम्मीद है कि इसके बाद और भी बहुत कुछ आएगा.

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मां की याद दिलाती है भोजपुरी भाषा

अनुभव ने यह भी कहा, मैंने 2012 में अपनी मां को खो दिया था और वह ज्यादातर भोजपुरी में बात किया करती थीं. उनके चले जाने के बाद अचानक मेरे जीवन से भोजपुरी भाषा गायब हो गई और तभी से मुझे इसकी कमी महसूस होने लगी, क्योंकि मां भोजपुरी में गाने भी गाया करती थीं. मैंने यह गीत उनकी याद में बनाया है. मैं भोजपुरी संगीत को उस स्तर तक ले जाना चाहता हूं कि लोग भोजपुरी गानों को और अधिक बनाने लगें. गाना को कोरोना वायरस महामारी के बीच एक दिन शहर के एक स्टूडियो में शूट किया गया था. बता दें कि टी-सीरीज के सहयोग से बनारस मीडियावर्क्‍स द्वारा निर्मित अभिनेता मनोज वाजपेयी पर फिल्माया गया गान 'बंबई में का बा' को जल्द ही लॉन्च किया जाएगा.