चने में जोरदार उछाल, 3 साल की ऊंचाई पर पहुंचा दाम, जानें क्यों आई तेजी
Chana Rate Today: बीते दो महीने में चने का थोक भाव 14 से 15 रुपये किलो बढ़ गया है. हाजिर एवं वायदे में चना 5,500 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर चला गया है जो कि अक्टूबर 2017 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है.
नई दिल्ली:
Chana Rate Today: आलू, प्याज और टमाटर के बाद चने का दाम भी बीते दो महीने में बेशुमार बढ़ा है. चने (Chana Price Today) का भाव इस समय तीन साल के ऊंचे स्तर पर है और त्योहारी मांग में तेजी को देखते हुए दाम में और इजाफा हो सकता है. बीते दो महीने में चने का थोक भाव 14 से 15 रुपये किलो बढ़ गया है. हाजिर एवं वायदे में चने का भाव 5,500 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर चला गया है जो कि अक्टूबर 2017 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है.
यह भी पढ़ें: अमेरिका ने मलेशिया को दिया बड़ा झटका, पाम ऑयल इंपोर्ट पर लगाई रोक
जानकार बताते हैं कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत साबूत चना का वितरण होने से चने का स्टॉक कम पड़ जाने के चलते कीमतों में तेजी देखी जा रही है. वहीं, त्योहारी सीजन को लेकर चने की मांग बनी हुई है. देश में कृषि उत्पादों का सबसे बड़ा वायदा बाजार, नेशनल कमोडिटी एंड डेरीवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीएक्स) पर चने का अक्टूबर डिलीवरी वायदा अनुबंध गुरुवार को 5,560 रुपये प्रति क्विंटल तक उछला. इससे पहले चने का भाव तीन अक्टूबर 2017 में 5,675 रुपये प्रति क्विंटल तक चढ़ा था. वहीं 31 जुलाई 2020 को चने का भाव एनसीडीएक्स पर 4,123 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ था. इस प्रकार दो महीने में 1,400 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा की तेजी आ चुकी है.
यह भी पढ़ें: आम आदमी को लगा बड़ा झटका, आज से LED-LCD TV खरीदना होगा महंगा
चने का थोक भाव 5,600 रुपये प्रति क्विंटल
वहीं, हाजिर बाजार में चने का थोक भाव 5,600 रुपये प्रति क्विंटल तक चला गया है. दिल्ली की लॉरेंस रोड मंडी में गुरुवार को राजस्थान लाइन चना 5,500 रुपये प्रति क्विंटल था. वहीं, महाराष्ट्र की अकोला मंडी में चने का भाव 5,600-5,650 रुपये प्रति क्विंटल और इंदौर में 5,450-5,500 रुपये प्रति क्विंटल था. केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने बताया कि चने में लगातार तेजी का रुझान बना हुआ है जिसकी वजह जोरदार त्योहारी मांग और अगली फसल की बुवाई में विलंब होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि चने की अगली फसल की बुवाई शुरू होने में अभी विलंब है जबकि चने का उपयोग विभिन्न तरह से किए जाने के कारण इसकी त्योहारी मांग बनी हुई है.
यह भी पढ़ें: रिलायंस रिटेल में 1,875 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करेगी सिल्वर लेक
सप्लाई की कमी, आयात प्रतिबन्ध और त्योहारी सीजन से बढ़े दाम
दलहन बाजार के जानकार अमित शुक्ला बताते हैं कि चना में तेजी के पीछे प्रमुख कारण सप्लाई की कमी, आयात प्रतिबन्ध और त्योहारी सीजन की बढ़ती मांग है. उन्होंने कहा कि त्योहारी मांग में अभी इजाफा होने से भाव में आगे भी मजबूती रह सकती है. कारोबारी बताते हैं कि नैफेड के पास पड़ा चना का स्टॉक पीएमजीकेएवाई के तहत मुफ्त वितरण योजना में जा रहा है, जिससे स्टॉक कम पड़ने की वजह से कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है. कारोबारियों के मुताबिक बीते रबी सीजन में चने के उत्पादन सरकारी अनुमान से कम था इसलिए स्टॉक की कमी की आशंका बनी हुई है.
यह भी पढ़ें: Gold Rate Today: सोने-चांदी की आज कैसी रहेगी चाल, जानें दिग्गज जानकारों की राय
देश में 113.5 लाख टन चना उत्पादन का अनुमान
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) के चौथे अग्रिम उत्पादन अनुमान में देश में 113.5 लाख टन चना उत्पादन का आकलन किया गया है. हालांकि आल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल बताते हैं कि व्यापारिक अनुमान के अनुसार, देश में बीते फसल वर्ष में चना का उत्पादन 85 लाख टन से ज्यादा नहीं है. चने में तेजी की तीसरी बड़ी वजह, मटर महंगा होने से बेसन में चने की मांग बढ़ गई और त्योहारी सीजन में दाल व बेसन की मांग को पूरा करने के लिए चने में मिलों की खरीदारी तेज चल रही है.
यह भी पढ़ें: आसमान पर पहुंचे सब्जियों के दाम, जानिए क्यों बढ़ गई कीमतें
कारोबारी बताते हैं कि चने का भाव अभी भी तमाम दलहनों में सबसे कम है, इसलिए चना दाल अन्य दालों के मुकाबले सस्ती है और सब्जियां महंगी होने से चने में उपभोग मांग बनी हुई है जो कि इसके दाम में तेजी की एक बड़ी वजह है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पीडीएस के प्रत्येक लाभार्थी परिवार को हर महीने एक किलो साबूत चना दिया जाता है. इस योजना के तहत जुलाई से लेकर नवंबर के दौरान करीब 9.70 लाख टन चने की खपत का अनुमान है.
यह भी पढ़ें: काम की खबर: असेसमेंट ईयर 2019-20 के लिए ITR फाइल करने की समयसीमा बढ़ी
बता दें कि बीते रबी सीजन की आवक जब जोरों पर था तब चने का भाव देश की प्रमुख उत्पादक मंडियों में 4,000 रुपये प्रति क्विंटल के नीचे गिर गया था जबकि केंद्र सरकार ने फसल वर्ष 2019-20 के लिए चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4,875 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था. कारोबारी बताते हैं कि जो किसान चने का अपना स्टॉक अब निकाल रहे हैं उनको फायदा हो रहा है क्योंकि उनका चना आज एमएसपी से काफी ऊंचे भाव पर बिक रहा है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024 Date: हनुमान जयंती पर बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, जानें किन राशियो की होगी आर्थिक उन्नति
-
भारत के इस मंदिर में नहीं मिलती पुरुषों को एंट्री, यहां होते हैं कई तांत्रिक अनुष्ठान
-
Mars Transit in Pisces: 23 अप्रैल 2024 को होगा मीन राशि में मंगल का गोचर, जानें देश और दुनिया पर इसका प्रभाव
-
Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी से पहले जरूर करें 10 बार स्नान, सफलता मिलने में नहीं लगेगा समय