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Opinion: पाकिस्तान की बर्बरता पर आग बबूला हुआ देश, बस एक सवाल 'कब आएंगे दस सिर'

भारत के सिर का ताज कहा जाने वाला जम्मू-कश्मीर एक बार फिर सुलग रहा है। हाल में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में भारतीय सेना की चौकी पर पाकिस्तान के सैनिकों द्वारा हमला और शहीद भारतीय जवान के साथ की गई बर्बरता ने फिर देश को हिला कर रख दिया है।

03 May 2017, 10:34:49 AM (IST)

नई दिल्ली:

भारत के सिर का ताज कहा जाने वाला जम्मू-कश्मीर एक बार फिर सुलग रहा है। हाल में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में भारतीय सेना की चौकी पर पाकिस्तान के सैनिकों द्वारा हमला और शहीद भारतीय जवान के साथ की गई बर्बरता ने फिर देश को हिला कर रख दिया है।

पाकिस्तान सैनिकों द्वारा की गई यह घिनौनी कार्रवाई तब हुई जब देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार है। नरेंद्र मोदी जिनकी दुनिया भर में तूती बोलती है। यह वहीं बीजेपी की सरकार है जो जब विपक्ष में थी तो लगातार केंद्र में बैठी यूपीए सरकार को नसीहतें देती थी।

उस दौर में विपक्ष की भूमिका निभा रही बीजेपी ने यह भूमिका बड़ी शिद्दत से निभाई थी और तत्कालीन यूपीए सरकार पर करारा कटाक्ष करने का मौका चूकने में कोताही नहीं बरती थी। 

याद करें आज की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का वो बयान जो उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर करारा प्रहार करते हुए तब दिया था जब देश के जाबांज सैनिक शहीद हेमराज का सिर पाकिस्तानी सैनिक इसी प्रकार की बर्बरता दिखाते हुए साथ ले गए थे।

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तब देश के शहीद का सिर वापस भारत लाने की चुनौती देते हुए सुषमा स्वराज ने यूपीए-2 की सरकार को कहा था 'एक शहीद जवान का सिर नहीं ला सकते हो तो कम से कम 10 पाकिस्तानी सिर लाकर दो।'

उस दौरान केंद्र सकते में था और विपक्ष धारदार था, लेकिन आज मामला कुछ उलटा है। आज केंद्र में बैठी बीजेपी सरकार एक्शन मोड में दिखाई तो देती है लेकिन पाकिस्तान की ओर से हुई हालिया घिनौनी, मानवता तो तार-तार कर देने वाली कार्रवाई पर चुप है। 

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वो तेवर, वो गुस्सा, वो खून का खौलना गायब है तो क्या केंद्र में बैठी अब बीजेपी सरकार लाचार है? अपने विदेशी संबंधों को मजबूत करने में जुटी बीजेपी सरकार का ध्यान पाकिस्तान पर किस प्रकार है और किस प्रकार पाकिस्तान की चुनौतियों का सामना करेगी बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र की मौजूदा सरकार, यह बड़े सवाल हैं। 

कूटनीतिक स्तर पर और वैश्विक मंच पर लगातार भारत ने पाकिस्तान को कमज़ोर करने की कोशिश की है लेकिन इन कोशिशों में भारत को अब तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिल पाई है। 

हाफिज़ सईद और पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित करने की मांग पर भारत की तमाम दलीलों के बावजूद यूएन अभी तक पाकिस्तान पर किसी प्रकार का कोई बड़ा एक्शन नहीं ले पाया है।

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उलटा भारत भी पाकिस्तान के खिलाफ कोई कड़ा कदम नहीं उठा पाया है बल्कि भारत तो अभी तक पाकिस्तान को दिया गया मोस्ट फेवर्ड नेशन का तमगा तक वापस नहीं ले पाया है।

जबकि पाकिस्तान ज़रुर भारत की स्थिति कमज़ोर करने में सफल ज़रुर रहा है। एनएसजी में भारत की एंट्री न हो पाने की एक बड़ी वजह पाकिस्तान से चीन की गहरी दोस्ती होना ही है।

ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या भारत के सामने क्या विकल्प है पाकिस्तान का सामना करने के लिए? भारत की सॉफ्ट पावर नीति भी अभी तक कुछ ख़ास कदम उठाने लायक मज़बूत नहीं हुई है। 

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कब तक भारत के जवान ऐसे ही सीमा पर अपनी जान कुर्बान करते रहेंगे और केंद्र में बैठी मोदी सरकार सिर्फ सर्जिकल स्ट्राइक की याद दिला दिला कर अपनी पीठ थपथपाती रहेगी।

हर शहादत के बाद हम कहते है कि पाकिस्तान को दिया मोस्ट फेवर्ड नेशन का ख़ास स्थान छीन लेना चाहिए। पर अफसोस हम सिर्फ कहते हैं अमल में नहीं ला पाते।

ट्विटर पर निकला देश का गुस्सा 

#ModiWeakestPMever

I think she is searching for remote controlled bangles that can be operated by media and Nagpur HQ pic.twitter.com/wflDCiEF2K

— Bhargav padhiyar (@it_rajkot) May 2, 2017

India is only country where we have Finance minister as Defence Minister. That too when in war.
Shows their seriousness
#ModiWeakestPMever

— सेक्युलर हिन्दू (@HaveAGud_tym) May 2, 2017

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