पाकिस्तान में सरकारी कर्मचारी ने बुधवार को पाकिस्तान सचिवालय के बाहर वेतन के लिए प्रदर्शन किया. उन्होंने हाल में किए गए पेंशन सुधारों को भी वापस लेने की मांग की. विरोध प्रदर्शन में अलग-अलग सरकारी विभागों के 100 से अधिक यूनियन और एसोसिएशन शामिल हैं. पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और देश भर के प्रांतीय मुख्यालयों में व्यापक रूप से प्रदर्शन हुआ.
सरकारी कर्मचारियों के वेतन में असामनता
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों ने घर का किराया भत्ता, चिकित्सा भत्ता और परिवहन भत्ता में 200 प्रतिशत के वृद्धि की मांग की. 2020 के वेतन और पेंशन समिति ने भी ये सिफारिश की थी. सरकारी कर्मियों ने न्यायाधीशों, सांसदों और अन्य कर्मचारियों के बीच वेतन और लाभों में असमानताओं का हवाला दिया.
प्रदर्शन के समन्वयक रहमान अली बाजवा ने विभिन्न सरकारी क्षेत्रों के लिए असमान वेतन वृद्धि पर निराशा जताई. उन्होंने कहा कि देश के कुछ सरकारी कर्मियों को अच्छी वेतन वृद्धि मिल रही है तो वहीं, सिविल सेवकों की अनदेखी हो रही है. बाजवा ने सराकरी स्वामित्व वाली संस्थाओं के निजीकरण की आलोचना की. उन्होंने संस्थाओं के बेहतर प्रबंधन और पुनर्गठन की मांग की.
इन सुविधाओं को लागू करने की मांग
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, संघीय सरकार कॉलेज शिक्षक संघ की पूर्व अध्यक्ष रहीमा रहमान भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं. उन्होंने पेंशन सुविधाओं में हुए हाल के सुधारों को रद्द करने और छुट्टी लेने पर पैसे न कटने वाली सुविधा को बहाल करने की मांग की.
प्रदर्शनकारियों ने दी चेतावनी
विरोध प्रदर्शन सरकारी कर्मचारियों ने ऑल गवर्नमेंट एम्प्लॉइज ग्रैंड अलायंस (AGEGA) के बैनर तले हुआ है. AGEGA ने चेतावनी दी है कि अगर 10 फरवरी तक उनकी मांगों पर अमल नहीं किया गया तो वे संसद भवन के बाहर अनिश्चितकाल तक धरना देंगे. वह भी तब तक जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता है.