चीन और भारत के रिश्ते अब सुलझते दिखाई दे रहे हैं. चीन ने एक बार फिर भारत के साथ ईमानदार के साथ काम करने की इच्छा जताई है. बीजिंग का यह बयान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की यात्रा से पहले आया है. डोभाल भारत-चीन विशेष प्रतिनिधि (एसआर) वार्ता के 23वें दौर के लिए बीजिंग पहुंचे हैं. बुधवार को होने वाली बैठक में वर्षों से चले आ रहे तनाव के कम होने की उम्मीद है. उम्मीद है कि दोनों देश इस दौरान वर्षों पुराने सीमा विवाद का समाधान खोज सकते हैं.
चीन ने कहा- भारत के साथ ईमानदारी से काम करने के लिए तैयार
बैठक से पहले, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि चीन दोनों देशों के नेताओं द्वारा बनाई गई नीतियों को लागू करने के लिए भारत के साथ काम करने के लिए रेडी है. जियान ने पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच हुई रूस में बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने रिश्तों को अच्छा बनाने के लिए और मतभेदों को खत्म करने के तरीकों पर चर्चा की. जियान ने कहा कि हम एक-दूसरे के हितों और प्रमुख चिंताओं का सम्मान करने, बातचीत से आपसी रिश्तों को और मजबूत करने के लिए तैयार है. हम ईमानदारी और सद्भावना के साथ मतभेदों को हल करने के लिए तैयार हैं.
भारतीय अधिकारी ने भी बैठक से पहले दिया अहम बयान
बैठक से पहले भारतीय अधिकारी ने कहा कि इन बातचीत के माध्यम से हमारा उद्देश्य सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता को बढ़ाना है. हमें उम्मीद है कि वार्ता संबंधों को स्थिर करने और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक पुल के रूप में काम करेगी.
पांच साल बाद भारत-चीन के बीच औपचारिक बैठक
बता दें, भारत और चीन के बीच पांच साल बाद पहली औपचारिक वार्ता होगी. एक्सपर्ट्स का कहना है कि 2003 में शुरू हुए एसआर तंत्र ने भारत और चीन के बीच जटिल सीमा विवाग के प्रबंधन में अहम भूमिक निभाई है.