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चीन के बहकावे में नेपाली पीएम ओली ने भारत के खिलाफ नए मोर्चे खोले, अब कर रहे ऐसा कि आ जाए गुस्सा...

उत्तराखंड में भारत-नेपाल (India Nepal) सीमा के पास एक नो-मैन्स लैंड में 360 डिग्री सीसीटीवी (CCTV) कैमरे लगाने की शुरुआत करने के अलावा बिहार (Bihar) में एक विवादित जगह पर हेलीपैड बनाने का काम शुरू किया है.

Updated on: 08 Aug 2020, 12:09 PM

काठमांडू:

चीन (China) के बहकावे में आ चुके नेपाल (Nepal) की हरकतों से लगातार भारत के साथ रिश्ते में तल्खी देखी जा रही है. के.पी. ओली (KP Sharma Oli) के नेतृत्व वाली नेपाल सरकार ने उत्तराखंड में भारत-नेपाल (India Nepal) सीमा के पास एक नो-मैन्स लैंड में 360 डिग्री सीसीटीवी (CCTV) कैमरे लगाने की शुरुआत करने के अलावा बिहार (Bihar) में एक विवादित जगह पर हेलीपैड बनाने का काम शुरू किया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नेपाल सरकार ने बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) के पास एक हेलीपैड का निर्माण और उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के पास सीसीटीवी कैमरों की स्थापना शुरू की है.

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भारतीय इलाकों को नक्शे में दर्शाया
इससे पहले नेपाल ने उत्तराखंड के कुछ हिस्सों को अपने नए राजनीतिक मानचित्र में शामिल करते हुए भारत के प्रति आक्रामक रुख अपनाया था. ओली सरकार ने नेपाली संसद में नक्शे को अपडेट करने के लिए नया नक्शा संशोधन विधेयक पारित किया. नक्शे में भारत के लिए सामरिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तराखंड के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाल के हिस्से के रूप में दर्शाया गया है.

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सिर्फ कुर्सी पर बने रहने की कवायद
नेपाल के सूत्रों ने कहा कि भारत के खिलाफ दुश्मनी इस बात का नतीजा है कि के. पी. ओली प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बने रहना चाहते हैं, जबकि उनका ढाई साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है और उनकी पार्टी के सह-नेता और नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के सह-अध्यक्ष पी. के. दहाल उर्फ प्रचंड के साथ एक समझौता हुआ था कि वह ढाई-ढाई साल प्रधानमंत्री का पद संभालेंगे. प्रचंड के पास वरिष्ठ नेताओं माधव कुमार नेपाल और झलनाथ खनाल का समर्थन है और वह ओली को पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री दोनों पद छोड़ने के लिए कह रहे हैं.

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राष्ट्रवाद कार्ड की हो रही आलोचना
सूत्रों का कहना है कि अपनी ही पार्टी के भीतर ओली के विरोधी यह महसूस कर रहे हैं कि हाल ही में ओली के दूसरे किडनी प्रत्यारोपण के बाद भी वह अपने पास भी सारी शक्ति केंद्रित रखना चाह रहे हैं. उनके कम्युनिस्ट सहयोगियों ने भारत के खिलाफ राष्ट्रवादी कार्ड का उपयोग करने के लिए उनकी आलोचना की है. ओली यह इसलिए कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह सत्ता में बने रहें. ओली का दावा है कि उनके सहयोगियों का समर्थन भारत द्वारा किया जा रहा है. प्रधानमंत्री ओली की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं हैं और इन्हें फिलहाल चीन में शी जिनपिंग सरकार का पूरा समर्थन मिल रहा है.

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अमेरिका की भी नजरों में आया नेपाल
उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा ने न केवल भारत के साथ नेपाल के द्विपक्षीय संबंधों को तनावपूर्ण किया है, बल्कि चीन के साथ खड़े होकर नेपाल अमेरिका की नजरों में भी आ गया है और इस समय अमेरिका और चीन का शीत युद्ध चल रहा है. नेपाल का 65 प्रतिशत आयात उसके ऐतिहासिक सहयोगी रहे भारत से जबकि 13 प्रतिशत चीन से आता है. नेपाल में नौकरी के कम अवसरों के कारण हजारों नेपाली भारत में कार्यरत हैं. सूत्रों का कहना है कि राजनीतिक संकट के बीच प्रधानमंत्री ओली चीन के इशारे पर कई सीमा विवादों को खोलकर भारत पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं.