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सीमा पर तनाव कम करने को चीन की पेशकश को भारत ने दो-टूक ठुकराया, जानें पूरा मसला

भारतीय सेना अपने पूर्व के रवैये पर कायम है कि जब तक चीन की सेना अपनी जगह पर वापस नहीं चली जाती, भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से पीछे नहीं हटेगी.

Updated on: 08 Aug 2020, 11:44 AM

नई दिल्ली:

नई दिल्ली. चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव पिछले कई महीनो से लगातार जारी है. भारतीय सेना अपने पूर्व के रवैये पर कायम है कि जब तक चीन की सेना अपनी जगह पर वापस नहीं चली जाती, भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से पीछे नहीं हटेगी. भारत चाहता है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 20 अप्रैल से पहले वाली स्थिति बहाल हो.

अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स के हवाले से खबर है कि भारतीय सेना अभी भी अपने रवैये पर कायम है | सूत्रों की माने तो भारत ने चीन को स्पष्ट शब्दों में संदेश दिया है.

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भारत का चीन के लिए स्पष्ट संदेश

खबर है की दोनों पक्षों के सैन्य कमांडरों की बैठक में चीनी सेना के अधिकारी भारतीय सेना को इस 'न्यू नॉर्मल' के लिए राजी करने की कोशिश कर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार सेना के एक कमांडर ने कहा कि आक्रामक होने और सीमा तनाव को बढ़ने के बावजूद PLA भारतीय सेना से सैन्य इनाम चाहता है.

परन्तु भारत ने अपने ओर से स्पष्ट संदेश देते हुए चीन को कहा है कि अगर चीनी सेना पीछे नहीं हटती और जब तक 20 अप्रैल से पहले की स्थिति बहाल नहीं होती, भारत और चीन के रिश्तों में और ज्यादा तनाव बढ़ेगा. वहीं दूसरी ओर चीन का मानना है कि भारत घरेलू दबाव में आकर खुद ही गतिरोध खत्म कर देगा. सेना के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि पीएलए चाहता है कि भारत अपने पारंपरिक जगहों से पीछे हट जाए.

चीनी सेना चाहती है कि गोगरा के पास कुगरांग नदी के बगल में पहली रिज-लाइन पर टिके रहे जिससे रिजलाइन पर भारतीय वर्चस्व तुलनात्मक रूप से कमजोर हो सके.