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कड़े सुरक्षा घेरे में है इस देश की संसद, परछाई पर भी रहती है कड़ी नजर

Safest Parliament Building: इजरायल की संसद को नेसेट कहा जाता है. नेसेट की सुरक्षा में एक खास सिक्योरिटी यूनिट को लगाया गया है. जो हर वक्त संसद की पांच मंजिला इमारत पर पैनी नजर रखती है. ऐसा माना जाता है कि ये सिक्योरिटी यूनिट परछाईं पर भी कड़ी नजर रखत

Updated on: 18 Dec 2023, 02:14 PM

highlights

  • दुनिया की सबसे सुरक्षित है इजरायल की संसद
  • इजरायल की संसद को कहते हैं नेसेट
  • एक यहूदी ने संसद के लिए दान किया था पैसा

नई दिल्ली:

Safest Parliament Building: पिछले सप्ताह देश की नई संसद में दर्शक दीर्घा से एक युवक के कूदने की घटना के बाद संसद की सुरक्षा को लेकर चर्चा जोरों पर है. क्योंकि देश की संसद को दुनिया की सबसे सुरक्षित इमारतों में से एक माना जाता है, लेकिन इस घटना के बाद इस बात पर सवाल उठने लगे हैं. साथ ही लोग ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर दुनिया के किस देश की संसद सबसे सुरक्षित है. क्योंकि भारत की नई संसद में आधुनिक तकनीक के सिक्योरिटी सिस्टम को लगाया गया है. बावजूद इसके एक युवक संसद की दर्शक दीर्घा से कूदकर आसन की ओर बढ़ने लगा. आप सोच रहे होंगे कि अमेरिकी की संसद दुनिया की सबसे सुरक्षित संसद है तो आप गलत है. क्योंकि इजरायल की संसद नेसेट को दुनिया की सबसे सुरक्षित संसद माना जाता है.

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खास सिक्योरिटी यूनिट करती है नेसेट की सुरक्षा

इजरायल की संसद को नेसेट कहा जाता है. नेसेट की सुरक्षा में एक खास सिक्योरिटी यूनिट को लगाया गया है. जो हर वक्त संसद की पांच मंजिला इमारत पर पैनी नजर रखती है. ऐसा माना जाता है कि ये सिक्योरिटी यूनिट परछाईं पर भी कड़ी नजर रखती है. इजरायल के सिक्योरिटी सिस्टम को दुनिया का सबसे अच्छा सिक्योरिटी सिस्टम माना जाता है. नेसेट की सुरक्षा में लगी सिक्योरिटी यूनिट को प्रोटेक्टिव सेक्युरिटी यूनिट कहा जाता है. संसद की इमारत के बाहर प्रोटेक्टिव सेक्युरिटी यूनिट के सदस्य आधुनिक हथियारों के साथ तैनात रहते हैं. प्रोटेक्टिव सेक्युरिटी यूनिट रोजाना एक सेरेमनी करती है जिसे देखने के लिए हजारों लोग पहुंचते हैं.

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एक यहूदी ने दान से बनी है इजरायल की संसद

बता दें कि इजरायल की संसद नेसेट एक लंबी-चौड़ी और खूसबसूरत इमारत है. जिसका निर्माण एक ब्रिटिश यहूदी द्वारा दान किए गए पैसों से किया गया था. जेम्स डी रॉथ्सचाइल्ड नाम के एक ब्रिटेन में सांसद ने संसद के निर्माण के लिए पैसा दिया था. वह वहां के मशहूर रॉथ्सचाइल्स परिवार से संबंध रखते थे. वर्ल्ड बैंकिंग में भी इस परिवार का खासा रूतबा था. उन्होंने संसद के निर्माण के लिए 60 लाख इजरायली पाउंड का दान दिया था. बता दें कि एक लंबे संघर्ष के बाद 1948 में दुनिया के नक्शे पर इजरायल देश के रूप में उभरकर सामने आया था. उसके बाद अगले साल यानी 1949 में इजरायल में पहली बार चुनाव हुए.

तब इजरायल की आबादी महज साढ़े छह लाख के आसपास थी. देश में पहली बार हुए चुनाव में 120 सांसद चुने गए थे. जिनकी संख्या आज भी उतनी ही है. हालांकि इजरायल अब परिसीमन कर इसे बढ़ाने पर विचार कर रहा है. क्योंकि इन 71 सालों में इजरायल के नक्शे में ही नहीं बल्कि वहां की आबादी में भी बड़ा बदलाव आया है. अब यहां की जनसंख्या बढ़कर करीब 90 लाख हो गई है. इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद को दुनिया की सबसे खतरनाक एजेंसी माना जाता है. इसके साथ ही इजरायल ने दुनिया में कई अन्य सेक्टर्स में भी अपनी छाप छोड़ी है.

कैसे पड़े इजरायल की संसद का नाम नेसेट

इजरायल एक यहूदी देश है. जब इजरायल का उदय हुआ तो दुनियाभर से लाखों यहूदी इजरायल में आकर बस गए. इजरायली संसद को नेसेट नाम देने की अलग कहानी है. बताया जाता है कि प्राचीन इजरायल में 120 विद्वानों और संतों की एक सभा थी, जो देश का संचालन करते थे. इसे कनासेट कहा जाता था. उसी की तर्ज पर इजराइल की संसद का नाम नेसेट पड़ गया. नेसेट पश्चिमी यरूशलम की इस पहाड़ी पर इमारत है.

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नौ साल में बनी थी संसद की इमारत

इजरायली संसद की इमारत नेसेट के निर्माण में नौ साल का वक्त लगा था. इसका निर्माण 1957 में शुरू हुआ. कई बड़े-बड़े आर्किटैक्ट के बीच जोसेफ क्लारबीच का चयन किया गया था. उस समय इसरायली संसद को यूनानी शैली में बनाने के निर्णय लिया गया. जब इस इमारत का निर्माण हुआ तब तक यहां कई बार चुनाव हो चुके थे. लेकिन तब तक इजरायल के चुने हुए सांसद एक छोटी सी ज्यूइस एजेंसी बिल्डिंग में बैठा करते थे.

इजरायली संसद की इमारत

इजरायल की संसद चौकोर आकार वाली भव्य सफेद रंग की इमारत  है. सुरक्षा के साथ इसके अंदर की साजसज्जा पर भी खास ध्यान दिया गया है. ये इमारत 20 हजार स्क्वयेर मीटर में बनी है. इमारत में मुख्य हाल के अलावा कई छोटे हाल, कमरे, मीटिंग रूम, विंग्स, लाइब्रेरी भी हैं. इसमें बाहर की ओर 20 मोटे खंभे लगे हुए है. वहीं साइड में 15-15 खंभे लगाए गए हैं. इजरायल की संसद का कार्यकाल चार साल का होता है.