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आतंकी मसूद अजहर ने कहा, रोहिंग्या के लिए एकजुट हों मुस्लिम

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौला मसूद अजहर ने रोहिंग्या संकट को लेकर दुनिया के मुस्लिमों को एकजुट होने की अपील की है।

Updated on: 19 Sep 2017, 12:28 PM

नई दिल्ली:

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौला मसूद अजहर ने रोहिंग्या संकट को लेकर दुनिया के मुस्लिमों को एकजुट होने की अपील की है।

मसूद ने कहा, 'इस मुद्दे पर दुनिया के सभी मुस्लिमों को एक साथ आना चाहिए, हमें जल्द ही कुछ करना चाहिए।'

पठानकोट आतंकी हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर ने म्यांमार के बौद्ध नेता विराथु पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सिर्फ निहत्थे लोगों पर जुर्म कर रहा है।

अजहर ने कहा, 'ओसामा बिन लादेन एक शेर था जो लोगों की मदद के लिए आगे आया। बिन लादेन ने दुनिया के साम्राज्यवाद को चुनौती दी। वहीं विराथू सिर्फ निहत्थे लोगों पर जुर्म कर रहा है।'

मसूद ने कहा, 'ओसामा बिन लादेन एक शेर था जो लोगों की मदद के लिए आगे आया। जबकि विराथु एक कुत्ता है जो अपने घरों में आराम से बैठकर भौंकता है। बिन लादेन एक बहादुर और निडर इंसान था जिसने दुनिया के साम्राज्यवाद को चुनौती दी। वहीं विराथू सिर्फ निहत्थे लोगों पर जुर्म कर रहा है।'

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संयुक्त राष्ट्र के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, रखाइन में भड़की हिंसा के बाद 25 अगस्त से लेकर अब तक करीब 4 लाख रोहिंग्या बांग्लादेश चले गए हैं।

रोहिंग्या मुस्लिम और बौद्ध के बीच रखाइन में काफी लंबे समय से संघर्ष रहा है। ताजा हिंसा के बाद रोंहिग्या मुस्लिमों को म्यांमार छोड़ना पड़ा है। म्यांमार में अब तक 1000 से अधिक रोहिंग्या मुस्लिम की मौत हो चुकी है।

भारत का रुख
भारत में रह रहे रोहिंग्या मुस्लिमों को केंद्र सरकार वापस भेजना चाहती है। केंद्र ने कहा कि म्यांमार से रोहिंग्या शरणार्थियों का आना 2012 में शुरू हुआ था और ये लोग म्यांमार से भारत अवैध रूप से पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम के रास्ते यहां बिचौलियों के माध्यम से आए हैं।

केंद्र ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों के भारत में रहने पर देश के संसाधन और देश की जनता के अधिकार प्रभावित होंगे। हलफनामे में कहा गया कि वे अन्य देश से आए शरणार्थी हैं, इसलिए भारतीय संविधान के तहत उनके कोई अधिकार नहीं हैं।

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केंद्र ने कहा कि 'कई रोहिंग्या पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई, आईएस (आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट) और अन्य ऐसे उग्रवादी समूहों की संदिग्ध घातक योजनाओं में भी दिखे हैं जो भारत में संवेदनशील क्षेत्रों में सांप्रदायिक हिंसा भड़काकर अपने निहित स्वार्थो की पूर्ति करना चाहते हैं।'

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