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गुआम में फाइटर जेट ट्रेनिंग में भारत को भी शामिल करने का प्रस्ताव

एक अक्टूबर से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2021 के लिए एनडीए कानून की विषयवस्तु को बृहस्पतिवार को संसद के समक्ष रखा गया.

Updated on: 26 Jun 2020, 03:12 PM

वाशिंगटन:

चीन (China) के आक्रामक रवैये को ध्यान में रखते हुए वित्त वर्ष 2021 के लिए लाए गए राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकारण (एनडीए) कानून में गुआम के अमेरिकी प्रशांत क्षेत्र में भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के लिए लड़ाकू विमान प्रशिक्षण टुकड़ी स्थापित करने का प्रस्ताव दिया गया है. इस कदम से छह महीने पहले अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर और सिंगापुर के रक्षा मंत्री हंग एंग हेन ने गुआम में सिंगापर के लिए लड़ाकू विमान प्रशिक्षण टुकड़ी स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. एक अक्टूबर से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2021 के लिए एनडीए कानून की विषयवस्तु को बृहस्पतिवार को संसद के समक्ष रखा गया.

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यह कानून रक्षा मंत्री को जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत को शामिल करने के लिए सिंगापुर के साथ किए गए समझौते की ही तरह अमेरिका के अन्य सहयोगियों और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साझेदारों के साथ समझौतों की संभावना की व्यवहार्यता एवं गुणवत्ता का आकलन करती हुए रिपोर्ट कांग्रेस की रक्षा समितियिों को सौंपने का निर्देश देता है. अमेरिकी-सिंगापुर ज्ञापन सिंगापुर गणराज्य वायु सेना के लड़ाकू विमानों एवं संबंधित कर्मियों की करीब एक सैन्य टुकड़ी के लिए है. प्रशिक्षण के लिए सिंगापुर की उपस्थिति 2029 के आस-पास दर्ज होनी शुरू होगी.

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संसद की सशस्त्र सेवा समिति के प्रमुख, सीनेटर जिम इनहोफे ने कहा इसके अलावा इस विधेयक में प्रशांत निरोधक पहल का भी जिक्र किया है जो हिंद-प्रशांत पर संसाधनों पर केंद्रित होगी. इसमें सैन्य क्षमता के प्रमुख अंतरों की पहचान, अमेरिकियों सहयोगियों एवं साझेदारों को आश्वस्त करना और अमेरिका की विश्वसनीयता को बढ़ाने जैसे मुद्दे शामिल होंगे.

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विधेयक में 48 लंबी दूरी की पोत रोधक मिसाइलों (एलआरएएसएम) की खरीद का भी प्रस्ताव है, जिनके बारे में कहा गया कि ये खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उपयोगी होंगे. रक्षा मंत्रालय ने इस क्षेत्र को अपनी प्राथमिकता बताया है. एनडीए में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एफ-35ए संचालन स्थलों को स्थापित करने के अमेरिकी प्रयासों में तेजी लाने का भी प्रस्ताव देता है.

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