India Afghanistan Relation: भारत और पाकिस्तान के रिश्ते भले ही हमेशा खराब रहे हों, लेकिन उसके पड़ोसी अफगानिस्तान का भारत हमेशा सहयोगी रहा है. अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार के आने के बाद भी ये सहयोग जारी है. इस बीच बुधवार को दुबई में भारत और तालिबान के बीच अहम बातचीत हुई. जिसने क्षेत्रीय कूटनीति को नया आयाम दिया.
दरअसल, विदेश सचिव विक्रम मिस्री और अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार के रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब मुत्तकी के बीच दुबई में मुलाकात हुई. इस दौरान दोनों के बीच मानवीय सहायता, चाबहार बंदरगाह से व्यापार बढ़ाने, अफगानिस्तान में स्वास्थ्य और शरणार्थी पुनर्वास जैसे मुद्दों को लेकर चर्चा हुई. इसके अलावा दोनों देशों ने क्रिकेट में सहयोग और विकास परियोजनाओं को भी आगे बढ़ाने पर सहमति जताई.
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने साझा की तस्वीरें
विदेश सचिव विक्रम मिस्री और तालिबान सरकार के रक्षा मंत्री के बीच दुबई में हुई मुलाकात की कुछ तस्वीरें विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की हैं. इन तस्वीरों में दोनों पक्षों के अधिकारी बातचीत करते नजर आ रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने इस बैठक को अफगानिस्तान के लिए भारत की मानवीय सहायता के साथ द्विपक्षीय मुद्दों और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा का एक अहम कदम बताया है. वहीं भारत ने अफगान लोगों को मानवीय और विकास सहायता जारी रखने की भी प्रतिबद्धता दोहराई है. इसके अलावा अफगानिस्तान के चाबहार बंदरगाह के माध्यम से व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने पर सहमति जताई है.
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शरणार्थियों के पुनर्वास में सहयोग का आश्वासन
इसके साथ ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान में स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने और शरणार्थियों के पुनर्वास में सहयोग देने का आश्वासन दिया है. उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान में विकास परियोजनाओं के लिए भी भारत ने अपनी रुचि जताई.
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इसके साथ ही अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मुत्तकी ने भारतीय नेतृत्व को अफगान लोगों के साथ जुड़ाव रखने और समर्थन देने के लिए आभार जताया. बता दें कि भारत ने अफगानिस्तान की मौजूदा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, आने वाले समय में विकास परियोजनाओं में सक्रिय रूप से भागेदारी निभाने का भी फैसला किया है.