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अब कश्मीर घाटी में दौड़ेगी ट्रेन Photograph: (ANI)
Katra-Banihal Rail Section Trial: कश्मीर घाटी में जल्द ही तेज रफ्तार दौड़ती नजर आएगी. दरअसल, बुधवार को उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के कटरा-बनिहाल खंड पर आखिरी स्पीड परीक्षण किया गया. यह परीक्षण रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) के अनिवार्य निरीक्षण का हिस्सा था. परीक्षणों में अंजी खाद ब्रिज, भारत का पहला केबल- रेल ब्रिज और दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज चिनाब रेल ब्रिज भी शामिल था. जहां से तेज रफ्तार ट्रेन गुजरी.
इंजीनियरिंग की शानदार उपलब्धि
बता दें कि सीआरएस निरीक्षण यूएसबीआरएल परियोजना के लिए एक महत्वपूर्ण और मील का पत्थर था. जिसका उद्देश्य कश्मीर घाटी को भी देश के बाकी हिस्से से जोड़ना था. बता दें कि पिछले महीने ही रेलवे ने ट्रैक की सुरक्षा और तैयारी का आकलन करने के लिए कई परीक्षण किए थे. ये परीक्षण खड्ड ब्रिज जैसे इंजीनियरिंग चमत्कारों पर केंद्रित थे, जिसमें नदी के तल से 331 मीटर ऊपर एक एकल तोरण है जिसमें चिनाब रेल ब्रिज, जो नदी के तल से 359 मीटर ऊपर है. साथ ही 35 मीटर ऊंचा एफिल टॉवर भी इस रेलवे ट्रैक पर बनाया गया है.
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#WATCH | J&K: The final speed trials on the Katra-Banihal section of the Udhampur-Srinagar-Baramulla Rail Link (USBRL) project were held today as part of the mandatory inspection by the Commissioner of Railway Safety (CRS).
— ANI (@ANI) January 8, 2025
Final speed trial through Anji Rail Bridge - the… pic.twitter.com/VXXUR8qEr5
यूएसबीआरएल के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी संदीप गुप्ता ने बताया कि, "अंजी खड्ड और चिनाब रेल पुलों के माध्यम से गति परीक्षण मार्ग की सुरक्षा और परिचालन तैयारी सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण थे. सीआरएस की रिपोर्ट कश्मीर के लिए ट्रेन सेवाएं शुरू करने पर आगे की कार्रवाई का मार्गदर्शन करेगी."
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USBRL परियोजना पर प्रगति
बता दें कि यूएसबीआरएल परियोजना का लक्ष्य कश्मीर घाटी को निर्बाध रेल कनेक्टिविटी प्रदान करना. जिससे इस इलाके का भी आर्थिक विकास और क्षेत्रीय एकीकरण को सुविधाजनक बनाना है. रेलवे ने 272 किलोमीटर की परियोजना में से 255 किलोमीटर का काम पहले ही पूरा कर लिया है. कटरा और रियासी के बीच शेष खंड दिसंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है.
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इंजीनियरिंग का शानदार चमत्कार
इस प्रोजेक्ट में अंजी खाद ब्रिज, जिसे "सच्चे इंजीनियरिंग चमत्कार" के रूप में वर्णित किया गया है, इसके पार्श्व और केंद्रीय विस्तार में 48 केबल शामिल हैं. पुल का निर्माण 2017 में शुरू हुआ और अब यह अपनी नींव से 191 मीटर ऊपर बनकर तैयार है. चिनाब रेल ब्रिज, यूएसबीआरएल की एक अन्य प्रमुख विशेषता है जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज और भारतीय इंजीनियरिंग का शानदार प्रमाण पेश करता है.