Pakistan: अल्पसंख्यकों के लिए नरक से भी बदतर है पाकिस्तान, इतने जुल्म झेलने को मजबूर हैं

Pakistan: पाकिस्तान में ईसाई समुदाय का जीना दूभर है. एक वॉच लिस्ट की रिपोर्ट में सामने आया कि पाकिस्तान में ईसाई महिलाओं को बहुत दंश झेलने पड़ते हैं.

Pakistan: पाकिस्तान में ईसाई समुदाय का जीना दूभर है. एक वॉच लिस्ट की रिपोर्ट में सामने आया कि पाकिस्तान में ईसाई महिलाओं को बहुत दंश झेलने पड़ते हैं.

author-image
Jalaj Kumar Mishra
New Update
Condition of Christians in Pakistan Is like hell

Pakistan Flag (Freepik)

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का क्या हाल है, ये तो दुनिया ही जानती है. पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून के तहत ईसाइयों को निशाना बनाया जा रहा है. वह भी तब, जब पाकिस्तानी आबादी का 1.8 प्रतिशत ही ईसाई हैं लेकिन ईशनिंदा के एक-चौथाई आरोप इसी समुदाय पर है. 

Advertisment

ईशनिंदा कानूनों में मौत की सजा का प्रावधान है. पाकिस्तान में 2024 में 73 साल के पाकिस्तान ईसाई लजार को कुरान जलाने के फर्जी आरोपों में इतना मारा गया कि बुजुर्ग की मौत हो गई.

पाकिस्तान से जुड़ी ये खबर भी जरूर पढ़ें- ‘युद्ध में हिंदुओं के सामने हमारा जज्बा अलग होता है’, पाकिस्तानी सांसद ने कहा- यहूदियों-ईसाइयों को मारेंगे

2023 में जरानवाला में ईसाई घरों पर हुए हमले 

एक विदेशी वॉचलिस्ट की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में लड़कियां और महिलाएं अपहरण, यौन हिंसा और जबरन विवाह के साथ-साथ जबरन धर्म परिवर्तन का शिकार हैं. 2023 में जरानवाला में ईसाई घरों और बिल्डिंगों पर हुए हमलों ने भय की संस्कृति को बढ़ावा दिया है. पाकिस्तान की गिरजाघरों को धार्मिक कार्यक्रम के लिए पूरी तरह से आजादी नहीं है. उनपर कड़ी निगरानी है. कई बार तो बॉम्ब ब्लास्ट कर दिए जाते हैं. 

पाकिस्तान से जुड़ी ये खबर भी जरूर पढ़ें- India VISA Policy: क्या पाकिस्तानी हिंदुओं को भी छोड़ना पड़ेगा भारत? विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट की स्थिति

मुस्लिम व्यक्ति धर्म तक नहीं छोड़ सकता

पाकिस्तान में कोई मुस्लिम व्यक्ति अपना धर्म तक नहीं छोड़ सकता है. क्योंकि अगर कोई ऐसा करता है तो उसे अपने समुदाय का विरोध झेलना पड़ता है और कई बार तो उसे मार डाला जाता है. 

पाकिस्तान से जुड़ी ये खबर भी जरूर पढ़ें- दुबई में धार्मिक नारा लगाकर पाकिस्तानी ने तीन हिंदुओं पर तलवार से किया हमला, दो की मौत

ईसाई पंजाब में सबसे ज्यादा पीड़ित

हालिया रिपोर्ट की मानें तो अधिकांश ईसाई पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रहते हैं. ये वहीं क्षेत्र है, जहां उत्पीड़न और भेदभाव की घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं. 

पाकिस्तान से जुड़ी ये खबर भी जरूर पढ़ें- UP: ‘पड़ोसी मुल्कों को हिंदुओं को खोज-खोजकर मारा जा रहा है’, सीएम योगी बोले- सनातन के लिए एकजुट होना जरूरी

Pakistan blasphemy laws minorities in Pakistan pakistan
Advertisment