यूपी चुनाव: वाराणसी में पीएम मोदी का शक्ति प्रदर्शन, रोड शो के खिलाफ कांग्रेस की शिकायत पर वाराणसी डीएम को EC का नोटिस
आखिरी चरण के विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश का वाराणसी राजनीतिक दलों का सियासी अखाड़ा बन गया। प्रधानमंत्री मोदी ने जहां रोड शो के जरिये पार्टी की ताकत और लोकप्रियता की नुमाइश की तो वहीं राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने भी जवाबी रोड शो कर पलटवार किया।
highlights
- उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण से पहले सियासी अखाड़ा बना वाराणसी
- प्रधानमंत्री मोदी के रोड शो को लेकर NDA में घमासान तो चुनाव आयोग पहुंची कांग्रेस
New Delhi:
आखिरी चरण के विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश का वाराणसी राजनीतिक दलों का सियासी अखाड़ा बन गया। प्रधानमंत्री मोदी ने जहां रोड शो के जरिये पार्टी की ताकत और लोकप्रियता की नुमाइश की तो वहीं राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने भी जवाबी रोड शो कर पलटवार किया।
पूर्वांचल की विधानसभा सीटों पर बीजेपी का प्रदर्शन लखनऊ की कुर्सी का रास्ता है, जिसे बीजेपी बखूबी समझती है। इतना ही नहीं वाराणसी प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र है और यहां की 5 विधानसभा सीटों पर पार्टी का प्रदर्शन बीजेपी के लिए नाक का सवाल बन गया है। यही वजह है कि आखिरी चरण में 7 जिलों में 40 सीटों पर होने वाले मतदान के पहले बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
प्रधानमंत्री को रोड शो आखिरी चरण से पहले बीजेपी के लिए राहत की बात हो लेकिन विपक्षी दलों ने इस रोड शो को चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद आयोग ने कार्रवाई करते हुए वाराणसी के डीएम से रोड शो को मिली जरूरी मंजूरी के बारे में सवाल पूछते हुए नोटिस जारी कर दिया।
और पढ़ें: मोदी के रोड शो को लेकर सख़्त हुआ चुनाव आयोग, डीएम से पूछा क्या ली गयी थी इजाज़त?
वाराणसी में प्रधानमंत्री की रैली से इतर उत्तर प्रदेश में छठे चरण के तहत 49 सीटों पर मतदान पूरा हुआ। चुनाव आयोग के आंक़ड़ों के मुताबिक शाम पांच बजे तक 57.03 फीसदी मतदान हुआ। पिछले 15 सालों से उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर बीजेपी इस बार मोदी लहर के भरोसे मैदान में है।
रोड शो के बाद वाराणसी की रैली में भीड़ को संबोधित करते हुए मोदी ने दावा किया उनकी पार्टी छठे चरण के पहले ही जीत चुकी है और बाकी के एक चरण में बीजेपी को जो सीटें मिलेंगी वह बोनस की तरह होंगी।
काशी विश्वनाश मंदिर और काल भैरव मंदिर को हिंदुओं का प्रमुख पूजा स्थल माना जाता है, जहां मोदी ने रोड शो के पहले पूजा-अर्चना की। पूजा के बाद मोदी ने ट्वीट किया, ‘बाबा विश्वनाथ मंदिर जाकर भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। हर हर महादेव। काल भैरव मंदिर में पूजा अर्चना करके भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं।’
पूर्वांचल की सीटों पर चुनाव जातीय समीकरण और ध्रुवीकरण से प्रभावित होता है। ऐसे में संतों की नगरी वाराणसी में मोदी का पूरे दिन रहना अपने आप में एक बयान की तरह है।
मोदी ही नहीं अन्य दलों को भी इसकी समझ है और इसी कारण बसपा प्रमुख मायावती ने रोहनिया में रैली की तो अखिलेश और राहुल ने वाराणसी में रोड शो कर मोदी का जवाब दिया। पूर्वांचल की राजनीति में वाराणसी की सियासी अहमियत का अंदाजा सभी दलों को अच्छे से पता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान वाराणसी में रोड शो किया था। तब बीजेपी प्रदेश की 80 सीटों में से 71 सीटों पर कब्जा करने में सफल रही थी। पार्टी ने एक बार फिर विधानसभा चुनाव के पहले वहीं दांव आजमाया है।
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