Railway Insurance: रेल हादसे के मृतकों और घायलों को कैसे मिलता है इंश्योरेंस का अमाउंट? जानें इस सवाल का जवाब

रेल हादसे के बाद कैसे मिलता है इंश्योरेंस का अमाउंट, क्या ये बात आप जानते हैं. अगर नहीं तो न्यूजनेशन कैसे आपको इसका जवाब देगा. पढ़ें खास खबर.

रेल हादसे के बाद कैसे मिलता है इंश्योरेंस का अमाउंट, क्या ये बात आप जानते हैं. अगर नहीं तो न्यूजनेशन कैसे आपको इसका जवाब देगा. पढ़ें खास खबर.

author-image
Jalaj Kumar Mishra
New Update
Insurance file

Insurance (file)

महाराष्ट्र के जलगांव में बुधवार को ट्रेन हादसा हो गया. पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह से कई लोग ट्रेन से कूद गए. इस दौरान दूसरे ट्रैक पर आ रही ट्रेन ने उन्हें कुचल दिया. हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई. हादसे में करीब 40 लोग घायल हैं. क्या आप जानते हैं, रेल हादसे के शिकार मुसाफिरों या उनके परिवार को कैसे रेलवे से इंश्योरेंस अमाउंट मिलता है. 

Advertisment

जानें कैसे हुआ हादसा?

ट्रेन में सफर के दौरान रिजर्वेशन करने पर इंश्योरेंस का ऑप्शन मिलता है. अगर आपने इंश्योरेंस करवाया है और ट्रेन में किसी भी प्रकार का हादसा होता है तो इंश्योरेंस की मदद से इंश्योरेंस अमाउंट मिलना आसान हो जाता है. हादसे के बाद ऐसे मामलों में पैसेंजर्स और उनके परिजनों को इंश्योरेंस प्रोवाइडर की हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करना होता है. उन्हें इस दौरान यात्रा की डिटेल, पॉलिसी नंबर और घटना की जानकारी देनी होती है. 

यूटिलिटीज की ये खबर भी पढ़िए- LPG Useful Tips: सर्दियों में इन तरीकोें से गैस जमने से बचा सकते हैं आप, बहुत काम की है ये जानकारी

ट्रेन हादसे का घायल अगर 30 दिन से अधिक अस्पताल में भर्ती होता है तो पूरा खर्चा सरकार वहन करती है. खर्चे की रकम अस्पताल में भर्ती होने के 10 दिन के अंदर या फिर डिस्चार्ज होने के बाद मिलता है.   

रेलवे से कितना इंश्योरेंस अमाउंट मिलता है?

रेलवे हादसे के घायलों को दो लाख रुपये तक का अमाउंट देता है. वहीं, अगर कोई व्यक्ति हादसे में दिव्यांग हो जाता है तो उन्हें साढ़े सात लाख रुपये तक का अमाउंट मिलता है. वहींस रेल हादसे में जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिवार को 10 लाख रुपये तक का मुआवजा मिलता है. क्लेम अप्लाई करने के लिए आपको आईआरसीटीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा. ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्री की जानकारी देनी होती है. जैसे ट्रेन टिकट और आई-कार्ड आदि.

यूटिलिटीज की ये खबर भी पढ़िए- एम किसान योजना के इन लाभार्थियों को लग सकता है झटका, सरकार वसूलेगी किस्तों की राशि

15 दिन बाद खाते में जाती है राशि

आवेदन के 15 दिन के अंदर रेलवे जांच पूरी करती है और सभी डॉक्युमेंट्स की जांच होती है. जांच सही पाई जाती है तो  क्लेम आवेदन करने वाले व्यक्ति के खाते में भेज दी जाती है. 

यूटिलिटीज की ये खबर भी पढ़िए- Missed Call Fraud: मिस्ड कॉल देखकर भूल कर भी मत करना कॉलबैक, बचने के लिए करें ये काम

 

insurance Railway
      
Advertisment