महाराष्ट्र के जलगांव में बुधवार को ट्रेन हादसा हो गया. पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह से कई लोग ट्रेन से कूद गए. इस दौरान दूसरे ट्रैक पर आ रही ट्रेन ने उन्हें कुचल दिया. हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई. हादसे में करीब 40 लोग घायल हैं. क्या आप जानते हैं, रेल हादसे के शिकार मुसाफिरों या उनके परिवार को कैसे रेलवे से इंश्योरेंस अमाउंट मिलता है.
जानें कैसे हुआ हादसा?
ट्रेन में सफर के दौरान रिजर्वेशन करने पर इंश्योरेंस का ऑप्शन मिलता है. अगर आपने इंश्योरेंस करवाया है और ट्रेन में किसी भी प्रकार का हादसा होता है तो इंश्योरेंस की मदद से इंश्योरेंस अमाउंट मिलना आसान हो जाता है. हादसे के बाद ऐसे मामलों में पैसेंजर्स और उनके परिजनों को इंश्योरेंस प्रोवाइडर की हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करना होता है. उन्हें इस दौरान यात्रा की डिटेल, पॉलिसी नंबर और घटना की जानकारी देनी होती है.
ट्रेन हादसे का घायल अगर 30 दिन से अधिक अस्पताल में भर्ती होता है तो पूरा खर्चा सरकार वहन करती है. खर्चे की रकम अस्पताल में भर्ती होने के 10 दिन के अंदर या फिर डिस्चार्ज होने के बाद मिलता है.
रेलवे से कितना इंश्योरेंस अमाउंट मिलता है?
रेलवे हादसे के घायलों को दो लाख रुपये तक का अमाउंट देता है. वहीं, अगर कोई व्यक्ति हादसे में दिव्यांग हो जाता है तो उन्हें साढ़े सात लाख रुपये तक का अमाउंट मिलता है. वहींस रेल हादसे में जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिवार को 10 लाख रुपये तक का मुआवजा मिलता है. क्लेम अप्लाई करने के लिए आपको आईआरसीटीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा. ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्री की जानकारी देनी होती है. जैसे ट्रेन टिकट और आई-कार्ड आदि.
15 दिन बाद खाते में जाती है राशि
आवेदन के 15 दिन के अंदर रेलवे जांच पूरी करती है और सभी डॉक्युमेंट्स की जांच होती है. जांच सही पाई जाती है तो क्लेम आवेदन करने वाले व्यक्ति के खाते में भेज दी जाती है.