Child Pornography: चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ भारत में सख्त हैं नियम, मिलती है ऐसी सजा

भारत में चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना, बनाना या शेयर करना क्राइम है. भारत में ऐसा करने पर कार्रवाई की जाती है. 5 साल तक की जेल भी हो सकती है.

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Jalaj Kumar Mishra
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मोबाइल एक ऐसा आविष्कार है, जिसने दुनिया के कोने-कोने तक हमारी पहुंच को बढ़ा दिया है. हम गूगल पर कुछ भी टाइप करते हैं और झट से सारी जानकारी हमारे सामने आ जाती है. जैसे अच्छी चीजों के बीच, हमारी पहुंच बढ़ गई है, ठीक उसी प्रकार पोर्नोग्राफी पर भी लोगों की पहुंच बढ़ गई है.  

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एक्सपर्ट्स की मानें तो, पोर्नोग्राफी की पहुंच युवा पीढ़ी के बीच ज्यादा है. ऐसे कई मामले हैं, जिसमें लोग पोर्नोग्राफी के इतने आदी हो गए है कि उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ने लगा है. भारत में वैसे तो पोर्नोग्राफी देखना अपराध नहीं है. लेकिन आप अगर चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े वीडियो देखते हैं तो मुसीबत में पड़ सकते हैं.

भारत में ये क्राइम है

यूं तो भारत में पोर्नोग्राफी देखना अपराध नहीं है, लेकिन अगर आप भूलकर भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े वीडियो देखते हैं तो आप मुसीबत में पड़ सकते हैं. भारत में चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना, बनाना और डाउनलोड करना अपराध है. इसमें सख्त सजा का प्रावधान है. आप भी अगर अपने घर में इस प्रकार का कंटेट सर्च करते हैं तो पुलिस आपके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है.

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सुप्रीम कोर्ट ने क्राइम की कैटिगिरी में डाला

चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने, डाउनलोड करने और सर्कुलेट करने पर भारत में पॉक्सो एक्ट और आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है. इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 के सेक्शन 67 के तहत ऐसा करने पर तीन साल से लेकर पांच साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में साफ कर दिया था कि भले ही व्यक्ति अपने व्यक्तिगत पसंद के लिए इस तरह का कंटेट देख रहे हैं या डाउनलोड कर रहे हैं, ये आएगा तो क्राइम की ही कैटेगरी में. 

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चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द पर सुप्रीम कोर्ट की आपत्ति

सुप्रीम कोर्ट ने तो चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द पर भी आपत्ति जताई थी. केंद्र सरकार और अदालतों को अदालत ने निर्देश दिया कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी की बजाए चाइल्ड सेक्सुअल एक्सप्लोइटेटिव एंड एब्यूसिव मटेरियल' शब्द का इस्तेमाल किया जाए.

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