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Air Purifier
Air Purifier: सर्दी आते ही हर साल की तरह इस बार भी स्मॉग सीजन शुरू हो चुका है. दिल्ली की हालत ऐसी है कि सुबह के धूप में भी हवा का धुंध दिखाई दे रहा. AQI 400 के पार जा चुका है. इससे बचने के लिए ज्यादातर लोग अपने घर में एयर प्यूरीफायर लगवा रहे हैं. लेकिन परेशानी कि बात यह है कि एयर प्यूरीफायर लेते वक्त ज्यादातर लोग ऐसी गलतियां कर रहे हैं, जो आगे चलकर उनके लिए परेशानी का सबक बन रही है. इन्हीं गलतियों की वजह से मशीन सटीक तरीके से काम नहीं कर पा रही है और आगे चलकर वो कमरे के कोने में धूल खाने का काम कर रही है. तो आइए इस आर्टिकल में उन कॉमन मिस्टेक्स के बारे में जानते हैं, जिसे ज्यादातर भारतीय दुहरा रहे हैं.
घर के अंदर Air Purifiers के बेहतर काम के लिए करें ये 5 उपाय, जहरीली हवा में भी रहेंगे सुरक्षित
1. रूम साइज को नजरअंदाज करना
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मान लें कि आपका कमरा 500 स्क्वायर फीट का है और आप इसके लिए एक मिनी Air Cleaner For Home ले आ रहे हैं. अब क्या होगा? एयर कवरेज कैपेसिटी कम होने की वजह से प्यूरीफायर बहुत मुश्किल से हवा साफ कर पाएगा. इसलिए कोई भी एयर प्यूरीफायर लेने से पहले क्लीन एयर डिलीवरी रेट (CADR) पर जरूर ध्यान दें. हर प्यूरीफायर की अपनी एयर कवरेज कैपेसिटी होती है, जो आपके रूम के साइज के हिसाब से मैच होनी चाहिए.
2. HEPA फिल्टर पर ज्यादा भरोसा करना
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आपने देखा होगा कि ज्यादातर ब्रांड्स अपने एयर प्यूरीफायर में 99.99% प्यूरीफिकेशन का दावा करते हैं. और इसकी वजह हेपा फिल्टर को बताते हैं. दरअसल हेपा फिल्टर केवल 80–90% कण ही पकड़ पाते हैं. इसका मतलब, पीएम 2.5 जैसे छोटे पार्टिकल्स आराम से इसके अंदर आते हैं. इसकी वजह से आपको एलर्जी या खांसी जैसी समस्या हो सकती है. इसलिए नया एयर फिल्टर लेते वक्त ट्रू हेपा फिल्टर को जरूर चेक करें. देखें कि ये AHAM या BIS सर्टिफाइड है या नहीं.
3. मेंटनेंस कोस्ट को इग्नोर करना
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वॉटर प्यूरीफायर की तरह एयर प्यूरीफायर को भी निश्चित समय के बाद मेंटेन करवाना पड़ता है. उसका फिल्टर चेंज करवाना होता है. इसमें अच्छे खासे पैसे लग जाते हैं. जैसे अगर आप ₹5,000 का एयर प्यूरीफायर ले रहे हैं, तो एक साल के बाद इसका फिल्टर चेंज करवाने में ₹3,000 लग सकता है. हालांकि भारत जैसे प्रदूषित देश में फ्लिटर क्लॉग की समस्या समय से पहले हो जाती है. 12 महीने का वादा सिर्फ 3-6 महीने में फेल हो जाता है. इसलिए Air Filter की फिल्टर रिप्लेसमेंट की सालाना कॉस्ट पहले से ही चेक कर लें.
Air Purifier कैसे करता है काम? जानें फीचर्स
4. मोटर कैपेसिटी पर अंधा विश्वास करना
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कई लोगों को लगता है कि एयर प्यूरीफायर की परफॉर्मेंस उसके मोटर पावर पर निर्भर करती है. जितनी ज्यादा मोटर पावर होगी, एयर प्यूरीफायर उतनी ज्यादा हवा क्लीन करेगा. लेकिन ऐसा नहीं है. ज्यादा मोटर कैपेसिटी होने की वजह से प्यूरीफायर बिजली बिल ज्यादा खाता है और शोर भी ज्यादा करता है. इसलिए हमेशा 50 वॉट से कम पावर और साइलेंट मोड वाला एयर प्यूरीफायर ही चुनें.
5. न्वॉइज लेवल को नजरअंदाज करना
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एयर कूलर, फैन हो या फिर कोई भी इलेक्ट्रॉनिक अप्लायंस. अगर आप इन मशीनों में न्वॉइज लेवल को इग्नोर करते हैं, तो ये आपकी नींद खराब करने की वजह बन सकते हैं. Air Purifier के साथ भी ऐसा ही है. अगर एयर क्लीनर की न्वॉइज लेवल 20- 40dB के ऊपर होती है, तो ये आपको परेशान कर सकता है.
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