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UP By Election 2020: 8 सीटों पर बीजेपी इन नेताओं को बना सकती है कैंडिडेट, जानें नाम

कुलदीप सेंगर को रेप मामले में उम्र कैद की सजा होने के बाद खाली यह सीट खाली हुई है. इस सीट पर प्रत्याशी को लेकर कहना अभी जल्दबाजी होगी. क्योंकि यहां पर कुलदीप सिंह सेंगर का वर्स्वच रहा है.

Updated on: 10 Sep 2020, 12:16 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश की खाली हुई आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले है. ऐसे में सभी सियासी दल अपनी-अपनी ताकत झोंके हुए है. साथ ही टिकट पाने के लिए विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी भी अपनी ताकत दिखा रहे हैं. ताकि उनको उपचुनाव में टिकट मिल जाए. वहीं, चुनाव लड़ने की फिराक में नेताओं की नजर सबसे ज्यादा बीजेपी से टिकट पाने पर होगी, क्योंकि प्रदेश में बीजेपी सरकार है और यह अक्सर देखा गया है कि जिसकी सूबे में सरकार रहती है. उसी पार्टी के प्रत्याशी उपचुनाव में ज्यादातर विजयी होते है. तो चलिए आपको बताते हैं कि यूपी की उन आठ विधानसभा सीटों के बारे में जिस पर उपचुनाव होना है.

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बांगरमऊ, उन्नाव : कुलदीप सेंगर को रेप मामले में उम्र कैद की सजा होने के बाद खाली यह सीट खाली हुई है. इस सीट पर प्रत्याशी को लेकर कहना अभी जल्दबाजी होगी. क्योंकि यहां पर कुलदीप सिंह सेंगर का वर्स्वच रहा है. तो माना जा रहा है. कुलदीप सिंह सेंगर की फैमिली से ही किसी को टिकट मिलेगा. उसकी पत्नी संगीता सेंगर के चुनाव लड़ने की पूरी संभावना है. इसके अलावा कुलदीप सेंगर के खास रहे नवाबगंज ब्लॉक प्रमुख अरुण सिंह का नाम भी सामने आ रहा है. जो उपचुनाव लड़ सकते हैं. इन सबके अलावा और भी कई नाम सुर्खियों में है.

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देवरिया : विधायक जन्मेजय सिंह के निधन की वजह से खाली हुई है यह सीट. इस सीट पर उनके बेटे के चुनाव लड़ने की संभावना है. जन्मेजय सिंह के बेटे अजय प्रताप सिंह ऊर्फ पिण्टू सिंह ही क्षेत्र का पूरा कामकाज देखते रहे हैं. हालांकि कई और नेता अपनी गोटी सेट करने में लगे हैं.

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टूण्डला, फिरोजाबाद : एसपी सिंह बघेल के सांसद बनने के बाद से यह सीट खाली हुई है. इस सीट पर बीजेपी से चुनाव लड़ने के लिए अभी तक कई नेताओं ने आवेदन किया हैं. इनमें पांच पूर्व विधायक, कुछ स्थानीय नेता और कुछ ऐसे नेता भी शामिल हैं जो आगरा से हैं, लेकिन टूण्डला से चुनाव लड़ना चाहते हैं.

घाटमपुर, कानपुर : कोरोना महामारी की वजह से मंत्री कमलरानी वरुण का निधन हो गया था. उनके निधन के बाद यह सीट खाली हुई है. घाटमपुर सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने के कई लोग जिला कमेटी से संपर्क कर चुके है, लेकिन मजबूत दावेदार कमलरानी वरुण की बेटी मानी जा रही हैं. बता दें कि कमलरानी वरुण की बेटी स्वनिल पेशे से टीचर हैं. इनका चुनाव लड़ने की पूरी संभावना जताई जा रही है.

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नौंगाव सादात : मंत्री चेतन चौहान के भी निधन से सीट खाली हुई है. बताया जा रहा है कि यहां पर पार्टी हाईकमान जिनको चाहेगा, वहीं चुनाव लड़ेगा, लेकिन संगीता चौहान के लड़ने की संभावना ज्यादा है. संगीता चौहान दिवंगत चेतन चौहान की पत्नी हैं. बता दें कि संगीता चौहान राजनीति में सक्रिय नहीं रहती हैं फिर भी उनको बीजेपी कैंडिडेट बनाकर चुनाव लड़ाना सकती है.

बुलंदशहर : बीजेपी के वीरेंद्र सिंह सिरोही के निधन के चलते बुलंदशहर की सीट खाली हुई है. इस पर दावेदारों की लंबी लिस्ट है. वीरेंद्र सिरोही के दोनों बेटे दिग्विजय और विनय सिरोही चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसके अलावा लोकल कमिटी के कई पदाधिकारी और बिजनेसमैन भी दौड़ में बने हैं. जिला महामंत्री रहे रविन्द्र राजौरा, प्रताप चौधरी के नाम बुलंदशहर में चर्चा में हैं.

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मल्हनी, जौनपुर : समाजवादी पार्टी के पारसनाथ यादव के निधन के चलते ये सीट खाली हुई है. इस सीट पर बीजेपी की बड़ी लड़ाई है. पार्टी कभी इस सीट से नहीं जीती. लिहाजा दमदार उम्मीद्वार की तलाश है. इस सीट पर मनोज सिंह की दावेदारी मानी जा रही है. वह बरसठी से ब्लाक प्रमुख रहे हैं. इसके अलावा 2017 में बीजेपी से लड़ चुके सतीश सिंह भी लाइन में हैं. 2012 में बसपा से चुनाव लड़ चुके हैं और अब बीजेपी के सिपाही बने पाणिनी सिंह भी दावेदारों का सूची में हैं. वहीं, माना जा रहा है कि शायद बीजेपी यह सीट निषाद पार्टी को दे दे. तो निषाद पार्टी से उम्मीद्वार के रूप में बाहुबली धन्नंजय सिंह का नाम आगे है.

स्वार, रामपुर : बीजेपी इस पर उसे कभी जीत नहीं मिली है. आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम का चुनाव रद्द होने से यह सीट खाली हुई है. इस सीट पर बीजेपी इस बार पूरी ताकत लगायेगी. तीन नामों की चर्चा पूरे रामपुर में है. आकाश सक्सेना हन्नी, लक्ष्मी सैनी और हरिओम मौर्या. हरिओम मौर्या मसवासी नगर पंचायत के चेयरमैन हैं. लक्ष्मी सैनी पिछला और उससे पहले का एक चुनाव हार चुकी हैं. आकाश सक्सेना वही शख्‍स हैं, जिन्होंने आजम खान के खिलाफ मुकदमे कराया हैं.