अस्पताल से गायब कोरोना मरीज का अगले दिन मिला शव, मचा हड़कंप
प्रयागराज में एक कोरोना पेशेंट के अस्पताल से गायब हो जाने के बाद कल यानि 26 जुलाई को उसका शव 500 मीटर की दूरी पर मिलने के बाद हड़कंप मच गया है. मृतक के परिजन अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
प्रयागराज:
प्रयागराज में एक कोरोना पेशेंट के अस्पताल से गायब हो जाने के बाद कल यानि 26 जुलाई को उसका शव 500 मीटर की दूरी पर मिलने के बाद हड़कंप मच गया है. मृतक के परिजन अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं दूसरी ओर अस्पताल की तरफ से पेशेंट के अस्पताल से बाहर जाने का वीडियो जारी कर सफाई दी है. प्रयागराज में एसआरएन हॉस्पिटल में भर्ती कोरोना पेशेंट की डेडबॉडी 26 जुलाई की शाम को अस्पताल से 500 मीटर की दूरी पर एसपी विजलेंस के आवास के पास मिलने के बाद हड़कंप मच गया है. 55 वर्षीय कोरोना पेशेंट को सांस में तकलीफ होने पर 4 दिन पहले शहर के एसआरएन हॉस्पिटल के वार्ड नंबर 10 में भर्ती कराया गया था. 25 की शाम वो अस्पताल से गायब हो गए. सूचना मिलने पर घर वाले अस्पताल पहुंचे और अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगा कर हंगामा करने लगे.
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स्वास्थ्य विभाग की टीम बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए ले गयी
अभी घटना को 24 घंटे ही बीते थे कि कोरोना पेशेंट की बॉडी एसपी विजिलेंस शैलेश कुमार यादव के बंगले के पास मिलने से हड़कंप मच गया. आनन फानन में सूचना पुलिस को दी गयी जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए ले गयी. पूरे मामले में मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर और आपराधिक लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अस्पताल के वार्ड नंबर 10 में भर्ती मरीज के इलाज में लापरवाही के साथ दुर्व्यवहार किया जाता रहा. वो पानी मांगते तो पानी नही मिलता. तकलीफ होने पर सुनवाई नहीं होती और जब वो फोन पर अपने घरवालों को अस्पताल का हाल बताते तो उन्हें दूर के अस्पताल भेज दिए जाने की धमकी दी जाती.
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फूटपाथ पर दम तोड़ दिया
ऐसा लगता है कि बढ़ती तकलीफ के बीच अस्पताल की घोर लापरवाही और दुर्व्यवहार से आजिज़ कोरोना पेशेंट ने अस्पताल से निकल जाने में अपनी भलाई समझी लेकिन गंभीर कोरोना पेशेंट के कदम अस्पताल और घर के बीच थम गये. उन्होंने फूटपाथ पर दम तोड़ दिया. पूरे मामले पर अस्पताल प्रशासन पर सवाल उठने के बाद अस्पताल प्रशासन ने कोरोना पेशेंट के अस्पताल से निकलने का सीसीटीवी वीडियो जारी किया है. जिसमें वो वार्ड के गेट से बाहर निकल कर जाते हैं और फिर थोड़ी देर बाद ड्यूटी पर तैनात कुछ डॉक्टर उनकी तलाश में बाहर जाते दिखते हैं. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल का कहना है कि अस्पताल की तरफ से उनका पूरा ख्याल रखा गया. उनके गायब होने के बाद तत्काल अस्पताल में स्थित एसआरएन पुलिस चौकी की घटना की सूचना दी गयी. लेकिन कोरोना पेशेंट का कहीं पता नही चला.
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क्या अस्पताल में वाकई आम कोरोना मरीज के इलाज में लापरवाही होती है
शहर के राजापुर इलाके के रहने वाले कोरोना पेशेंट की मौत कई सवाल खड़े कर गयी है. क्या अस्पताल में वाकई आम कोरोना मरीज के इलाज में लापरवाही होती है. क्योंकि 3 दिन पहले 29 वर्षीय एक कोरोना पेशेंट ने अपने हाथ की नस काटकर आत्महत्या कर ली थी. इसके अलावा एक महिला कोरोना पेशेंट की बाथरूम में फिसल कर गिरने से मौत हो गयी थी. सवाल ये भी है कि जिस पेशेंट को सांस लेने में तकलीफ थी वो ऑक्ससीजन छोड़कर पैदल भाग जाने को क्यों मजबूर हो गया. दुख की बात ये है कि वो अपने परिवार का इकलौता कमाऊ मेम्बर था. जिसके 3 बेटियां और एक छोटा बेटा है. उसके जाने के बाद परिवार अनाथ हो गया. बच्चों की पढ़ाई से लेकर घर खर्च का संकट खड़ा हो गया. देखते-देखते कोरोना और सरकारी अस्पताल की लापरवाही से एक भरा पूरा परिवार पूरी तरह से तबाह हो गया है.
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