Maha Kumbh 2025: इन दिनों में यूपी के प्रयागराज की रौनक देखते ही बन रही है. दुनिया का सबसे बड़ा मेला महाकुंभ, जो वहां लगने जा रहा है. महाकुंभ 2025 के चलते प्रयागराज बिल्कुल बदला-बदला सा नजर आ रहा है. अब हजारों वर्ग मीटर के एरिया में घने जंगल बनाए गए हैं. प्रयागराज में ये कमाल मियावाकी टेक्नोलॉजी से संभव हो पाया है. ऐसे में सवाल ये है कि आखिर ये मियावाकी टेक्नोलॉजी क्या है?
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संस्कृति मंत्रालय ने बताया कि महाकुंभ की तैयारी में प्रयागराज में अलग-अलग जगहों पर घने जंगल विकसित किए गए हैं. इसके पीछे का मकसद प्रयागराज में आने वाले देश और दुनिया के लाखों श्रद्धालुओं को शुद्ध और ताजी हवा सुनिश्चित किया जा सके. इस दिशा में प्रयागराज नगर निगम बीते दो सालों से काम कर रहा है. उनसे जापानी मियावाकी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर कई ऑक्सीजन बैंक स्थापित किए, जो अब हरे-भरे जंगलों में बदल गए हैं.
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प्रयागराज को क्या फायदा
मियावाकी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की वजह से प्रयागराज को काफी फायदा हुआ है. इससे यहां न केवल हरियाली को बढ़ावा मिला है, बल्कि एयर क्वालिटी में भी सुधार आया है. साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी काफी मदद मिली है. प्रयागराज नगर निगम आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग ने कहा कि वे मियावाकी तकनीक का उपयोग करके शहर के कई हिस्सों में घने जंगल बना रहे हैं.
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क्या है मियावाकी टेक्नोलॉजी?
- मियावाकी टेक्नोलॉजी एक जापानी तकनीक है. यह बंजर भूमि पर जल्दी से जंगल विकसिस करने के लिए पेड़ लगाने का एक मैथड है.
- यह प्राकृतिक पुनर्वनीकरण सिद्धांतों पर आधारित है. इसे जंगल लगाए जाने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक माना जाता है.
- जापानी वनस्पतिशास्त्री और पारिस्थितिकीविद् अकीरा मियावाकी ने इस टेक्नोलॉजी को विकसित किया था. उन्हीं के नाम पर इसे मियावाकी टेक्नोलॉजी नाम दिया गया है.
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