5 अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन की तारीख तय की गई है. जैसे-जैसे तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे तैयारियां भी जोर पकड़ती जा रही है. भूमि पूजन के लिए पवित्र नदियों का जल और तीर्थ स्थलों की पवित्र मिट्टी लाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. भूमि पूजन से पहले ही अयोध्या में जश्न का माहौल है. सीएम योगी आदित्यनाथ के 4 और 5 को भव्य दीपावली मनाने की तैयारी पूरी है, लेकिन श्रद्धालु आराध्य के मंदिर निर्माण की खुशी रोक नहीं पा रहे हैं. बीती देर शाम को राजस्थान के बीकानेर से आए लोगों ने सरयू तट पर आंजनेय सेवा संस्थान के नित्य सरयू आरती स्थल पर सैकड़ों की संख्या में दीप जलाए.
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भूमिपूजन बुधवार को होना है
भगवान राम, भाई- लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न ‘भूमिपूजन’ के अवसर पर रत्नजड़ित पोशाक पहनेंगे. रामदल सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष पंडित कल्की राम ने भगवान की मूर्तियों पर ये पोशाक पहनाएंगे. इन पोशाकों पर नौ तरह के रत्न लगाए गए हैं. भगवान के लिए वस्त्र सिलने का काम करने वाले भगवत प्रसाद ने कहा कि भगवान राम हरे रंग की पोशाक पहनेंगे. भूमिपूजन बुधवार को होना है और इस दिन का रंग हरा होता है. पूरे देश के राम भक्तों को कार्यक्रम से जोड़ने के लिए उनके इलाके के मठ-मंदिरों की मिट्टी व नदियों, धार्मिक महत्व कुंडों का पवित्र जल अयोध्या पहुंचाया जा रहा है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल के मुताबिक, कोरोना संकट के कारण श्रद्धालु खुद तो नहीं आ पा रहे हैं, लेकिन स्पीड पोस्ट के जरिए नदियों का जल और पवित्र स्थलों की मिट्टी के पैकेट अयोध्या ट्रस्ट को भेजे जा रहे हैं.
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बदरीनाथ से मिट्टी और अलकनंदा नदी से जल अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भेजा गया
बिहार के लोग भगवान राम को अपना दामाद मानते हैं इसलिए वे मंदिर निर्माण के लिए विशेष तौर पर उत्साहित हैं. छत्तीसगढ़ के वनवासी समुदाय के लोग भी बड़ी संख्या में अपने मंदिरों की मिट्टी और नदियों का जल अयोध्या पहुंचा रहे हैं. ट्रस्ट की बैठक में देशभर की नदियों का जल और मिट्टी मंगवाकर मंदिर की नींव डालने के कार्यक्रम में मुहर लगी थी. उत्तराखंड के बदरीनाथ से मिट्टी और अलकनंदा नदी से जल अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भेजा गया. यहां से विश्व हिंदू परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल मिट्टी और जल लेकर अयोध्या के लिए सोमवार को रवाना हुआ. अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण सिर्फ पत्थरों से किया जाएगा. राम मंदिर निर्माण के लिए खास तैयारियां की जा रही हैं. मंदिर की वर्कशॉप के सुपरवाइजर अनुभाई सोमपुरा का कहना है कि मंदिर के निर्माण में अनोखी तकनीक और मशीनों का प्रयोग होगा.
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सोना-चांदी नहीं, पैसे की जरूरत
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने न्यूज नेशन से बातचीत की. उन्होंने राम मंदिर निर्माण और उसकी तैयारियों को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए अभी पैसे की जरूरत है. मंदिर के लिए अभी चांदी और सोने की जरूरत नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि जिसको देना है वो पैसे दें. अभी सोने-चांदी की जरूरत नहीं है. जब जरूरत होगी तब चांदी सोना लिया जाएगा. अभी तक 35 किलो चांदी ट्रस्ट को मिला है. लगभग 78 लोगों ने फोन करके सोने-चांदी देने की पेशकश की है. सोने की भी 3 ईंट है. अब ट्रस्ट चांदी-सोना नहीं लेगा.
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मोरारी बापू ने 5 करोड़ रुपये देने का किया ऐलान
राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण की तैयारियां जोरों पर हैं. कारीगर मूर्ति से लेकर मंदिर तक की नक्काशी को तराशने में जुटे हुए हैं. वहीं राम कथा वाचक मोरारी बापू ने मंदिर के निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये दान करने का ऐलान किया है. मुरारी बापू ने व्यासपीठ से राम जन्मभूमि ट्रस्ट को 5 करोड़ रुपये की धन राशि दान देंगे. मोरारी बापू ने कहा कि सबसे पहले राम जन्मभूमि के लिए यहां पांच करोड़ भेजे जाएंगे, जो प्रभु श्री राम के चरण में एक तुलसीपत्र के रूप में भेंट होगी. उन्होंने रामकथा का वाचन करते हुए यह भी कहा कि चित्रकूट धाम तलगाजरडा में स्थित हमारे आश्रम की तरफ से राम जन्मभूमि के लिए पांच लाख रुपये दिए जाएंगे. साथ ही जो भी श्रोता भगवान श्रीराम के भक्त हैं और रामलला के मंदिर के लिए दान करना चाहते हैं उनकी तरफ से पांच करोड़ रुपये का दान किया जाएगा.