Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश से बड़ी खबर सामने आई है. संभल में 10 दिसंबर तक बीएनएसएस की धारा 166 लागू कर दी है. संभल के डीएम डॉक्टर राजेंद्र पेंसिया ने ये आदेश दिया. इसके तहत संभल में एक साथ 5 या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक रहेगी. हालांकि, संभल में पांच दिनों के बाद आज यानी शुक्रवार को इंटरनेट को बहाल कर दिया गया है. बता दें कि संभल में एक मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी. इसके बाद से ही वहां पर हालत तनाव पूर्ण बने हुए हैं.
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Uttar Pradesh | DM Sambhal Dr Rajender Pensiya issues a prohibitory order imposing section 163 of the BNSS till December 10, 2024.
— ANI (@ANI) November 29, 2024
Under this section, a gathering of 5 or more people without prior permission is prohibited. pic.twitter.com/GN78vaUY6x
मस्जिद में अदा की गई जुम्मे की नमाज
वहीं, संभल की जमा मस्जिद में शांतिपूर्ण तरीके से जुमे की नमाज अदा की गई. इस दौरान भारी सुरक्षा बल तैनात रहा. जुमे की नमाज की वजह से संभल पूरी तरह से छावनी में तब्दील हुआ दिखाई दिया. चप्पे-चप्पे पर पुलिस का कड़ा पहरा दिखा. साथ ही हिंसा प्रभावित इलाके में CRPF की टुकड़ियां भी तैनात की गईं. प्रशासन की पूरी कोशिश है कि संभल में फिर से शांति बहाल हो पाए. इसके लिए तमाम जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.
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सुप्रीम कोर्ट में हुई मामले में सुनवाई
संभव मस्जिद विवाद को लेकर शुक्रवार सुप्रीम कोर्ट में भी अहम सुनवाई हुई है. हालिया विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से शांति और सद्भाव कायम सुनिश्चित करने को कहा है. शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी तरह के उत्पात और हिंसा के खिलाफ है. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को शांति बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने होंगे, साथ ही, कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि विवाद से उत्पन्न तनाव को जल्द सुलझाया जाए और इलाके में सामाजिक सौहार्द बनाए रखा जाए.
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मस्जिद में सर्वे के दौरान भड़की हिंसा
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने संभल मस्जिद मामले एक और अहम आदेश जारी किया. कोर्ट ने कहा कि मस्जिद सर्वे रिपोर्ट फिलहाल सार्वजनिक नहीं की जाए और इसे सील बंद लिफाफे में रखा जाए. कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को यह भी अवसर दिया कि वह निचली अदालत के आदेश को उच्च अदालत में चुनौती दे सकते हैं. गौरतलब है कि संभल की जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि वो हरिहर मंदिर है. मामले में कोर्ट में याचिका पहुंची थी. इसके बाद कोर्ट ने मस्जिद का सर्वे करने के निर्देश दिए थे. जब टीम सर्वे के लिए मस्जिद पहुंची तो वहां हिंसा भड़क गई.
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