Rajasthan School: होली का त्यौहार बीतते ही पारे में उछाल देखने को मिल रहा है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि, शिक्षक संगठनों ने सरकार को दीपावली और होली के बाद से स्कूलों का समय परिवर्तन करने का सुझाव दिया है. उनका कहना है कि मौसम में काफी बदलाव हो गया है, इसलिए अब दोनों प्रमुख त्योहारों से शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन समय सारणी लागू करना ठीक रहेगा. उन्होंने नए सत्र 2025-26 के लिए घोषित होने वाले शिविरा पंचांग से इसको लागू करने की भी बात रखी है.
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सरकार को शिक्षक संघ का सुझाव
राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा और प्रदेश मुख्य महामंत्री महेंद्र पांडे का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि हमने इस संबंध में सरकार को सुझाव भेजा है. इसमें हमारी मांग है कि अब ग्रीष्मकालनी समय सारणी होली के अवकाश के तुरंत बाद लागू कर देनी चाहिए. इसी तरह से शीतकालनी समय सारणी 1 अक्टूबर की बजाय दीपावली अवकाश के तुरंत बाद लागू की जाए. वर्षों से चली आ रही समय परिवर्तन के सिस्टम में अब बदलाव की जरूरत है. सरकार को आगामी शिविरा पंचांग में इस बदलाव को शामिल किया जाना चाहिए ताकि इससे विद्यार्थियों और शिक्षकों को फायदा पहुंचे.
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कई जिलों में पारा 40 के पार
बता दें कि अभी 1 अप्रैल से ग्रीष्मकालीन और 1 अक्टूबर से शीतकालीन सयम सारणी लागू होती है. ग्रीष्मकालीन समय सारणी में स्कूल सुबह 7:30 बजे से दोपहर 1 बजे तक चलेगा. शीतकालीन समय सारणी में स्कूल सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक रहता है. अभी मौसम में काफी बदलाव हो चुका है. कई जिलों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया है. कई जिलों में तो मार्च में ही लू जैसे हालात हो गए हैं.
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