आज होली है. सबसे पहले आप सभी को होली की शुभकामनाएं. देश भर में होली को लेकर धूम है. टोंक के चामुंडा माता के मंदिर में भी होली की धूम है. यहां होली के दिन अलग ही उत्साह रहता है. इस मंदिर की पूजा-पाठ किसी ब्राह्मण परिवार के पास नहीं है बल्कि एक मुस्लिम परिवार के पास है. जी हां, हिंदू मंदिर की पूजा-पाठ का जिम्मा एक मुस्लिम परिवार संभालता है.
होली पर मंदिर में खास आयोजन होता है. आज इसी होली के अवसर पर हम आपको मंदिर की कहानी बताएंगे.
टोंक के आवड़ा पंचायत का रहने वाला दाढ़ी मुस्लिम परिवार इस मंदिर की देखरेख करता है. मुस्लिम परिवार का कहना है कि हमारा परिवार ही सैकड़ों वर्षों से माता की पूजा, आरती और सेवा करता आ रहा है. मुस्लिम पुजारी अपना नाम भी शंभू बताते हैं. उनका कहना है कि हमारे 100 लोगों के परिवार पर माता रानी का आशीर्वाद बना हुआ है. चामुंडा माता के मंदिर में वर्षों से पूजा-पाठ और आरती सहित सभी चीजों की देखरेख हमारा परिवार ही करता है. आसपास के 11 गांवों का हर परिवार हर महीने हमें 11 किलो अनाज देता है, जिससे हमारा गुजारा होता है.
सौहार्द की मिसाल है चामुंडा माता का मंदिर
मुस्लिम परिवार चामुंडा माता मंदिर की पूजा-अर्चना कितने साल से कर रहा है, इस सवाल पर नगर गांल के पूर्व सरपंच रामजी लाल टेलर का कहना है कि मंदिर तो करीब 600 साल पुराना है. सैकड़ों वर्षों से दाढ़ी मुस्लिम परिवार ही इस मंदिर की सेवा करता आ रहा है. 11 गांव के लोग ही मंदिर के पुजारी को हर साल अनाज देके हैं. आज तक हमें कभी ऐसा लगा ही नहीं कि शंभू मुस्लिम परिवार से हैं.
चामुंडा माता मंदिर में हर रोज सुबह शाम आरती होती है. शाम की आरती के बाद मंदिर से बाहर निकलते वक्त गांव के ही शंकर सिंह कहते हैं कि मंदिर शुरू से हमारी आस्था का केंद्र बना हुआ है. हमारे दादा भी मुस्लिम परिवार को ही माता रानी की सेवा करते हुए देखता आया है. हमारे यहां सब कुछ माता रानी के आशीर्वाद से हो रहा है.
ऊंची पहाड़ी पर मौजूद है चामुंडा माता मंदिर
बता दें, माता का मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बसा हुआ है, जो दूर से ही दिखाई देता है. यहां होली पर मेला लगता है. मंदिर से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. गांव के लोगों का कहना है कि मंदिर बहुत चमत्कारी है. अकाल पड़ने जैसे कई प्रकार के संकेत इसी मंदिर से हमें मिलते हैं.