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rajasthan news Photograph: (rajasthan news (X))
Rajasthan News: आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (NWDA) सोसायटी की 39वीं वार्षिक बैठक तथा नदियों के आपसी जोड़ के लिए गठित विशेष समिति (SCILR) की 24वीं बैठक का आयोजन किया गया था. इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने की थी. इस बैठक में राजस्थान के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत सहित केंद्र और राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए थे.
क्या था बैठक का मुख्य उद्देश्य?
दिल्ली में हुई इस बैठक का मुख्य उद्देश्य देशभर में चल रही जल परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना और विशेष रूप से राजस्थान जैसे सूखाग्रस्त राज्यों के लिए दीर्घकालिक जल समाधान पर चर्चा करना था. राजस्थान में लगातार जल संकट और अनियमित बारिश को देखते हुए राज्य से जुड़ी विभिन्न नदी जोड़ और जल आपूर्ति परियोजनाओं को बैठक में प्रमुखता से उठाया गया था.
जल-अभावग्रस्त इलाको में जल आपूर्ति करवाना लक्ष्य
बैठक के दौरान पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना, पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना तथा अन्य संभावित नदी जोड़ योजनाओं की प्रगति पर समीक्षा की गई थी. इन परियोजनाओं का उद्देश्य राजस्थान के जल-अभावग्रस्त जिलों जैसे जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, नागौर, चूरू और झुंझुनूं को स्थायी जल आपूर्ति उपलब्ध कराना है. अधिकारियों का कहना है कि इन योजनाओं के सफल होने से न केवल पीने योग्य जल का संकट दूर होगा बल्कि खेती के लिए सिंचाई सुविधाओं का भी विस्तार होगा. ऐसे ये आमजन को फायदा पहुंचाएगा.
सुरेश रावत ने जल समस्याओं पर सहयोग की मांग की
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने बैठक के दौरान कहा कि नदियों का आपसी जोड़ भविष्य की जल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक अहम कदम होने वाला है. उन्होंने ऐसे राज्यों के बीच बेहतर समन्वय और समयबद्ध तरीके से शुरू करने पर जोर दिया. वहीं, राजस्थान के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने प्रदेश की जल समस्याओं के बारे में बताते हुए केंद्र से सहयोग की मांग की है.
नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में, राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (NWDA) सोसायटी की 39वीं वार्षिक बैठक तथा नदियों के आपसी जोड़ के लिए, विशेष समिति (SCILR) की 24वीं बैठक केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल की अध्यक्षता में हुई। बैठक में जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत सहित… pic.twitter.com/8AY1RViXVW
— Government of Rajasthan (@RajGovOfficial) December 24, 2025
अन्य जल संचय के उपायों को भी महत्व देना जरूरी
इस बैठक में यह भी चर्चा हुई कि जल परियोजनाओं के साथ-साथ जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन और भूजल पुनर्भरण जैसे उपायों को भी महत्व दिया जाना चाहिए. NWDA अधिकारियों ने यह आश्वासन भी दिया है कि राजस्थान से जुड़ी परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी.
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