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कोटा में 2 और नवजात की मौत, मृतकों की संख्या हुई 106; राजस्थान कांग्रेस ने BJP पर साधा निशाना

राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) में नवजात शिशुओं की मौत (newborn deaths) का सिलसिला नहीं थम रहा है. कोटा के जेके लॉन अस्पताल में शुक्रवार को 2 और नवजात की मौत हो गई है. इसके बाद मृतकों की संख्या 106 पहुंच गई है.

Updated on: 03 Jan 2020, 07:08 PM

नई दिल्‍ली:

राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) में नवजात शिशुओं की मौत (newborn deaths) का सिलसिला नहीं थम रहा है. कोटा के जेके लॉन अस्पताल में शुक्रवार को 2 और नवजात की मौत हो गई है. इसके बाद मृतकों की संख्या 106 पहुंच गई है. वहीं, देश में नवजात शिशुओं की मौत को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हैं. 

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कोटा के जेके लॉन हॉस्पिटल में शुक्रवार को 6 माह की टीना की मौत हो गई है. एक ओर राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा अधिकारियों की मीटिंग ले रहे थे तो दूसरी ओर टीना की सांसें थम गईं. दौसा जिले के लालसोट में उसे सुबह 11 बजे भर्ती कराया गया था. जहां मंत्री हॉस्पिटल का दौरा कर रहे थे तो वहीं पीड़ित परिवार मृतक बच्ची के साथ वाहन का इंतजार करते रहे. इस बीच नवजात शिशु ने दम तोड़ दिया.

जेके लॉन अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि 2012 में जब कांग्रेस राज्य में सत्ता में थी तो अस्पताल के लिए 120 बेड स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 60 बाल रोग के लिए थे. लेकिन, जब सरकार बदली तो 1.7 करोड़ में से सिर्फ 5 करोड़ रुपये जारी किए गए. उन्होंने आगे कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज जो लोग सवाल उठा रहे हैं कि एक बिस्तर पर 2 बच्चे हैं, वे 5 साल से सत्ता में थे. 60 बेड जिन्हें हमने 2012 में मंजूरी दी थी, वे कहां चले गए हैं?. आसका जवाब देने वाला कौन है?.

कोटा के जिला प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह (Pratap Singh) ने नवजात शिशुओं की मौत पर कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि राजस्थान एक ऐसा राज्य है जो चिकित्सा सुविधाओं, मुफ्त दवाओं और मुफ्त चिकित्सा उपचार की बात करता है. बीजेपी को इस मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि हमारा मानना है कि मौतों को नियंत्रित करना अस्पताल, डॉक्टरों और नर्सों की ज़िम्मेदारी है. अगर उपकरण की कमी थी तो आपको इसे खरीदना चाहिए था. आपके पास लगभग 6 करोड़ रुपये हैं. इतने उपकरण की तो जरूरत ही नहीं है.

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कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है. शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के अस्पताल पहुंचने से पहले बिछाए गए हरे कालीन ने बीजेपी को एक और मौका दे दिया है. ऐसे में कांग्रेस ने बीजेपी को आगाह किया है कि वह अस्पताल में हुई बच्चों की मौत पर राजनीति न करे. यहां अभी तक 106 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस मसले पर राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन सिंह समेत स्मृति ईरानी निशाने पर ले चुकी हैं. इसके अलावा बसपा और सपा भी निशाना साधने में पीछे नहीं हैं.

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के अस्पताल दौरे से पहले बिछाई गई हरी कालीन ने बीजेपी को नया मुद्दा थमा दिया. हालांकि मीडिया में हरी कालीन को प्राथमिकता देते देख उसे हटा लिया गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. लोन अस्पताल में बच्चों की मौत को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी भी चिंता जाहिर कर चुकी हैं. ऐसे में राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा, 'बीजेपी मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. इस मामले में राजनीति नहीं की जानी चाहिए. मुख्यमंत्री (अशोक गहलोत) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को राज्य में आने का निमंत्रण दिया है.'